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उत्तराखंड की पहली महिला आबकारी आयुक्त बनीं IAS अनुराधा पाल

उत्तराखंड की धामी सरकार ने IAS अधिकारी अनुराधा पाल को राज्य की पहली महिला आबकारी आयुक्त नियुक्त किया है। यह नियुक्ति न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ावा देती है। जानें अनुराधा की शिक्षा, संघर्ष और प्रशासनिक उपलब्धियों के बारे में।
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अनुराधा पाल का ऐतिहासिक नियुक्ति

उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए IAS अधिकारी अनुराधा पाल को राज्य की पहली महिला आबकारी आयुक्त के रूप में नियुक्त किया है। उन्होंने 2 जून से इस पद का कार्यभार संभाला है। यह नियुक्ति न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ावा देती है।


अनुराधा पाल 2016 बैच की IAS अधिकारी हैं और उनका संबंध उत्तराखंड कैडर से है। उनका जन्म हरिद्वार के एक छोटे से गांव में हुआ। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपने परिवार का नाम रोशन किया। उनके पिता दूध बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते थे, जिससे अनुराधा की शिक्षा संभव हो सकी।


अनुराधा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरिद्वार के नवोदय विद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद, 2008 में उन्होंने गोविंद बल्लभ पंत तकनीकी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर, उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी शुरू की।


2012 में, उन्होंने पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 451वीं रैंक हासिल की, जो IAS बनने के लिए पर्याप्त नहीं थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 2015 में पुनः परीक्षा दी, इस बार 62वीं रैंक प्राप्त कर IAS अधिकारी बनने का अवसर पाया।


अनुराधा पाल ने उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में डीएम सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनकी प्रशासनिक कार्यशैली को तेज और कुशल माना जाता है। कार्यभार संभालते ही उन्होंने विभागीय बैठक बुलाई और अपने नए दायित्वों को गंभीरता से लिया।