उत्तराखंड के धराली गांव में प्राकृतिक आपदा से मची तबाही
धराली गांव में आई प्राकृतिक आपदा
उत्तराखंड के चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित धराली गांव में सोमवार को एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। उत्तरकाशी जिले के इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर दोपहर के समय अचानक मौसम ने विकराल रूप धारण कर लिया, जिससे बादल फटने की घटना ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी।धराली, जो गंगोत्री धाम से केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर है, यात्रियों के लिए एक लोकप्रिय विश्राम स्थल है। यहां पर कई होटल और होम स्टे हैं, जहां श्रद्धालु गंगोत्री जाने से पहले या लौटते समय ठहरते हैं। लेकिन सोमवार को इस शांत गांव में जो हुआ, उसने सब कुछ बदल दिया।
बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई। पहाड़ों से आया मलबा और पानी की तेज रफ्तार ने कुछ ही मिनटों में धराली गांव को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते कई मकान, होटल और होम स्टे मलबे में दब गए। गांव के तीन ओर से पानी और मलबा फैल गया, जिससे स्थानीय लोग और यात्री चारों ओर से फंस गए।
वर्तमान में कई लोग लापता हैं और मृतकों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन जान-माल के बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है। धराली में मौजूद यात्रियों के लिए यह अनुभव किसी दुःस्वप्न से कम नहीं था। कई लोगों ने बताया कि कुछ मिनट पहले तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक मलबे की दीवारें चारों ओर से दौड़ती नजर आईं। भागने का समय भी नहीं मिला और कई लोग अपने होटलों में ही फंस गए।
इस घटना का चिंता का विषय होना जलवायु परिवर्तन और अनियोजित विकास की ओर इशारा करता है। पहाड़ों पर हो रहे अंधाधुंध निर्माण और बदलते मौसम के पैटर्न इन हादसों को और गंभीर बना रहे हैं। गंगोत्री धाम जैसे धार्मिक स्थलों पर यात्रियों की भारी आवाजाही के चलते जोखिम और भी बढ़ जाता है।