उत्तराखंड में 10,000 राशन कार्ड रद्द, ई-केवाईसी अनिवार्य

राशन कार्ड धारकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना
उत्तराखंड के हल्द्वानी, हल्दूचौड़ और लालकुआं में 10,000 राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई ई-केवाईसी न करवाने के कारण की गई है, जिससे लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलना बंद हो गया है। खाद्य विभाग ने ई-केवाईसी कराने की अपील की थी, लेकिन इसके बावजूद कई लाभार्थियों ने इसे नहीं कराया। अब उपभोक्ता ई-केवाईसी के लिए सीएससी केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। आचार संहिता हटने के बाद नमक और दाल का वितरण फिर से शुरू हो गया है और नए राशन कार्ड भी बनाए जा रहे हैं।
ई-केवाईसी की अनिवार्यता
सरकार ने एक साल पहले राशन कार्डों के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया था। खाद्य विभाग और सस्ता गल्ला डीलर लाभार्थियों से ई-केवाईसी कराने की अपील कर रहे थे, लेकिन कई लाभार्थियों ने इसे नजरअंदाज किया। इसके परिणामस्वरूप हल्द्वानी क्षेत्रीय खाद्य विभाग ने लाभार्थियों के राशन कार्ड को सॉफ्टवेयर से हटा दिया है, जिससे राशन वितरण भी बंद हो गया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्राथमिक परिवारों (सफेद कार्ड) और अंत्योदय योजना (गुलाबी कार्ड) के तहत गेहूं और चावल मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है। नमक की कीमत आठ रुपये प्रति किलो है। क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी दिव्या पांडे ने बताया कि 10,000 राशन कार्ड रद्द होने के बाद अब रामपुर रोड स्थित कार्यालय में प्रतिदिन 30 से 40 लोग ई-केवाईसी कराने पहुंच रहे हैं।
नए राशन कार्ड बनाने पर रोक
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नमक और दाल के वितरण पर रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी रोक दी गई थी।
आचार संहिता हटने के बाद, आपूर्ति विभाग ने सभी राशन डीलरों को गांवों में नमक और दाल के पैकेट वितरित करने के निर्देश दिए हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री नमक और दाल पोषित योजना के तहत राशन वितरण फिर से प्रारंभ हो गया है।