उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि: धार्मिक ठगी के खिलाफ सख्त कार्रवाई

ऑपरेशन कालनेमि का आरंभ
ऑपरेशन कालनेमि: उत्तराखंड की धामी सरकार ने धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर ठगी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साधु-संतों के रूप में लोगों को ठगने वाले अपराधियों के खिलाफ 'ऑपरेशन कालनेमि' की शुरुआत की घोषणा की है। इस अभियान के तहत अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा, “आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि सनातन संस्कृति और जनभावनाओं की रक्षा के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का वेश धारण कर, विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बनाकर ठगी और अपराध कर रहे हैं। इससे न केवल लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपराओं की छवि को भी गहरा नुकसान पहुंच रहा है।
VIDEO | Dehradun: On Operation Kalnemi, Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) says, “From tomorrow our Operation Kalnemi is beginning. There are many people in state who cheat others by hiding their real identity. They are hitting below the belt on devotion and… pic.twitter.com/gKu7VrnnLk
— Press Trust of India (@PTI_News) July 10, 2025
ऑपरेशन कालनेमि: एक सख्त कदम
ऑपरेशन कालनेमि का नाम पौराणिक राक्षस कालनेमि से प्रेरित है, जो रामायण में साधु का भेष धारण कर हनुमान को भटकाने की कोशिश करता था। सीएम धामी ने कहा, “जिस तरह असुर कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर छल करने का प्रयास किया था, वैसे ही आज समाज में कई 'कालनेमि' सक्रिय हैं, जो धार्मिक भेष में अपराध कर रहे हैं।” इस ऑपरेशन के तहत सरकार का लक्ष्य ऐसे तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करना है। धामी ने यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी धर्म का व्यक्ति यदि इस तरह के कृत्य में लिप्त पाया जाता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
कालनेमि कौन था?
रामायण में कालनेमि एक राक्षस था, जो मारीच का पुत्र और रावण का सहयोगी था। रावण ने उसे हनुमान को रोकने का दायित्व सौंपा था, जब हनुमान संजीवनी बूटी लाने द्रोणागिरि पर्वत जा रहे थे। कालनेमि ने एक मायावी साधु का रूप धारण कर हनुमान को भटकाने की कोशिश की, लेकिन हनुमान ने उसकी चाल को समझ लिया और उसका वध कर दिया। इस कहानी से प्रेरित होकर, धामी सरकार ने इस अभियान का नाम कालनेमि रखा, जो समाज में छल करने वालों के खिलाफ एक प्रतीकात्मक युद्ध है.