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उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान ऑपरेशन कालनेमि का आगाज

उत्तराखंड में सावन मास की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। इस यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने 'ऑपरेशन कालनेमि' की शुरुआत की है, जिसमें पुलिस ने कई फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि 50 से अधिक फर्जी बाबाओं को पकड़ा गया है, जिनमें विभिन्न धर्मों के लोग शामिल हैं। देहरादून पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को भी हिरासत में लिया है। कांवड़ियों से अपील की गई है कि वे कांवड़ पट्टी का उपयोग करें ताकि सड़क हादसों से बचा जा सके।
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उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान ऑपरेशन कालनेमि का आगाज

सावन मास और कांवड़ यात्रा का आगाज

सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, और इसी के साथ कांवड़ यात्रा भी आरंभ हो गई है। इस यात्रा को सुरक्षित और शुद्ध बनाने के लिए उत्तराखंड की सरकार ने 'ऑपरेशन कालनेमि' की शुरुआत की है। हरिद्वार में पुलिस ने इस अभियान के तहत कई फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। हरिद्वार और देहरादून की पुलिस ने इस ऑपरेशन में दर्जनों संदिग्ध बाबाओं को हिरासत में लिया है, जिनमें 6 मुस्लिम और एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े यशवीर महाराज ने कांवड़ यात्रा को पवित्र बनाए रखने के लिए एक मुहिम शुरू की है।


एसएसपी डोभाल का बयान

इस संदर्भ में एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने कहा कि 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब तक 50 से अधिक फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से 7-8 लोग ऐसे हैं जो अन्य धर्मों से हैं और बाबा का वेश धारण किए हुए हैं। इनकी पहचान की जा रही है और इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।


एक बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी

देहरादून पुलिस ने 'ऑपरेशन कालनेमि' के पहले दिन 25 संदिग्ध बाबाओं को हिरासत में लिया, जिनमें एक बांग्लादेशी नागरिक रूकन रकम उर्फ शाह आलम भी शामिल है। उसके पास से बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद हुआ है। पुलिस का कहना है कि ये संदिग्ध साधु-संतों के वेश में कांवड़ियों से ठगी और भीख मांगने की गतिविधियों में शामिल थे। हरिद्वार में भी एसएसपी अजय सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने 25 अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया है।


कांवड़ियों के लिए सुरक्षा उपाय

हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ियों से अपील की है कि वे हाइवे पर चलने के बजाय कांवड़ पट्टी का उपयोग करें। कांवड़ पट्टी एक विशेष मार्ग है, जहां केवल कांवड़िए चलते हैं और भंडारे लगाए जाते हैं। यह रास्ता सड़क हादसों से बचाने के लिए बनाया गया है। इसके अलावा, प्रशासन ने कांवड़ियों को सलाह दी है कि वे तय सीमा से ऊंची कांवड़ न ले जाएं, ताकि हाई टेंशन तारों से होने वाले दुर्घटनाओं से बचा जा सके। शुक्रवार से शुरू हुई कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं।


ऑपरेशन कालनेमि का नामकरण

कालनेमि नाम का उल्लेख रामायण में किया गया है। कालनेमि मारीच का पुत्र था, जिसने सीताजी को गुमराह करने के लिए हिरण का मायावी रूप धारण किया था। रामायण के अनुसार, लंका युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेने हिमालय गए थे। रावण ने हनुमान को रोकने के लिए मायावी कालनेमि को भेजा था। उत्तराखंड में चल रहे ऑपरेशन कालनेमि को इसी कारण यह नाम दिया गया है।