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उत्तराखंड में भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित, बीजेपी सांसद बाल-बाल बचे

उत्तराखंड में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने इस आपदा के दौरान बाल-बाल बचने का अनुभव साझा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें पहाड़ों का गिरना दिखाया गया है। राहत और बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें जुटी हैं, लेकिन कठिन परिस्थितियों के कारण कार्य चुनौतीपूर्ण हो रहा है। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
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उत्तराखंड में भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित, बीजेपी सांसद बाल-बाल बचे

उत्तराखंड में भूस्खलन की स्थिति

उत्तराखंड में भूस्खलन: उत्तराखंड में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। कभी बादल फटने की घटनाएं तो कभी पहाड़ों का गिरना, सभी के बीच दहशत का माहौल बना रहा है। बीजेपी सांसद अनिल बलूनी भी इस भूस्खलन की चपेट में आने से बच गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें पहाड़ ताश के पत्तों की तरह गिरते हुए दिखाई दे रहे हैं। सांसद ने लोगों की सुरक्षा की कामना की और आपदा से निपटने में लगे अधिकारियों तथा राहतकर्मियों की प्रशंसा की।


बुधवार की रात नंदा नगर में भारी बारिश के चलते बादल फट गया। इस आपदा में अब तक पांच लोगों का कोई पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा, छह इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।


बीजेपी सांसद अनिल बलूनी का बयान

बीजेपी सांसद अनिल बलूनी का बयान


अनिल बलूनी ने एक वीडियो साझा करते हुए उस भयावह दृश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'उत्तराखंड में इस वर्ष आई भीषण अतिवृष्टि और भूस्खलन ने इतने गहरे घाव दिए हैं, जिन्हें भरने में बहुत समय लगेगा। कल शाम आपदा प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन का एक भयावह दृश्य आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। यह दृश्य स्वयं बता रहा है कि हमारा उत्तराखंड इस समय कितनी भीषण प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है।'



उन्होंने आगे कहा, 'मैं बाबा केदारनाथ से सभी लोगों के सुरक्षित जीवन, अच्छे स्वास्थ्य एवं खुशहाली की मंगलकामना करता हूं। आपदा की इस घड़ी में जन जन की सेवा में लगे सभी अधिकारियों, NDRF – SDRF के जवानों, प्रशासन और कठिन परिस्थितियों में भी सड़कों से मलबा हटाने वाले कर्मचारियों के सेवाभाव की सराहना करता हूं।'


स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन कठिन परिस्थितियां इस मिशन को बेहद चुनौतीपूर्ण बना रही हैं।