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उत्तराखंड में मानसून की बारिश से भूस्खलन और यातायात बाधित

उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिससे भूस्खलन और यातायात बाधित हुआ है। 22 लोगों की जान चली गई है और 144 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है। जानें इस आपदा के बारे में और अधिक जानकारी।
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उत्तराखंड में भारी बारिश का प्रभाव

देवभूमि उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। राज्य के विभिन्न जिलों में भारी वर्षा के चलते कई पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे कई स्थानों का संपर्क टूट गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी दी है। देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में भारी बारिश की संभावना के चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है।


आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 1 जून से अब तक बारिश के कारण 22 लोगों की जान गई है और 11 लोग घायल हुए हैं। राज्य में 144 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में भय का माहौल है।


भारी बारिश का सबसे अधिक असर यातायात पर पड़ा है। राज्य में 133 सड़कों पर यातायात रोक दिया गया है, जिसमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और आठ राज्य राजमार्ग शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 40 सड़कों पर भी यातायात बाधित है। बारिश के कारण सड़कों का टूटना और मलबा आना यातायात रुकने का मुख्य कारण है।


इस स्थिति के चलते पहाड़ी क्षेत्रों के कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से टूट गया है। प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। एसडीआरएफ, पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचकर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं और राहत शिविरों में भेज रही हैं।