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उत्तराखंड में युवाओं के लिए नई शुरुआत: स्किल ट्रेनिंग कार्यक्रम

उत्तराखंड में, महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने बाल सुधार गृह और अनाथालयों से निकले युवाओं के लिए एक नई स्किल ट्रेनिंग योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 18 युवाओं को नोएडा की हल्दीराम स्किल अकादमी में तीन महीने की प्रशिक्षण दी जाएगी, जिसके बाद उन्हें रोजगार मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। जानें इस कार्यक्रम के बारे में और कैसे यह युवाओं के जीवन में बदलाव लाएगा।
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नई दिशा की ओर बढ़ते युवा

उत्तराखंड के देहरादून में, बाल सुधार गृह और अनाथालयों से निकलने वाले युवाओं के लिए एक नई पहल शुरू की जा रही है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने एक विशेष योजना के तहत 18 युवाओं के पहले समूह को तैयार किया है, जिन्हें नोएडा स्थित हल्दीराम स्किल अकादमी में तीन महीने की प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के बाद, उन्हें हल्दीराम के आउटलेट्स में रोजगार मिलेगा, जहां उनका प्रारंभिक वेतन लगभग 19,000 रुपये प्रति माह होगा।


इस पहले बैच के लिए नोएडा में मल्टी-कुज़ीन (बहु-व्यंजन) कोर्स की शुरुआत की जा रही है। इस पहल का औपचारिक उद्घाटन हरिद्वार में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से शुक्रवार को होगा। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को करियर और जीवन से जुड़े विषयों पर मार्गदर्शन दिया जाएगा। इसके बाद, 25 अगस्त को उन्हें नोएडा भेजा जाएगा।


महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक बंशी लाल राणा ने बताया कि इस बैच में 12 युवा ऐसे हैं जिन्होंने बाल सुधार गृह में 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद यह अवसर प्राप्त किया है, जबकि अन्य छह युवतियां अनाथ या बेसहारा हैं। ये सभी प्रतिभागी देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों से हैं। हरिद्वार से सबसे अधिक 13 युवा इस बैच में शामिल हैं, इसलिए कार्यक्रम की शुरुआत भी यहीं से की जा रही है।


मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता ने बताया कि यह राज्य का पहला बैच है जिसे इस विशेष स्किल ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के दौरान रहने, खाने, साफ-सफाई के सामान, परिवहन, यूनिफॉर्म और यहां तक कि मोबाइल फोन भी प्रदान किया जाएगा। कोर्स समाप्त होने के बाद, हल्दीराम के विभिन्न शाखाओं में नौकरी की पक्की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, नौकरी शुरू करने के पहले महीने में युवाओं को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।


यह योजना केवल रोजगार की व्यवस्था नहीं है, बल्कि उन युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जीवन के प्रारंभिक चरण में कठिनाइयों का सामना कर चुके हैं। राज्य सरकार की यह पहल उन्हें आत्मसम्मान के साथ समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का एक सराहनीय प्रयास है।