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उत्तराखंड सरकार का मदरसों के लिए नया आदेश: शिक्षा बोर्ड से जुड़ना अनिवार्य

उत्तराखंड सरकार ने सभी मदरसों को शिक्षा बोर्ड से जुड़ने का आदेश दिया है, जो अगले वर्ष 1 जुलाई से लागू होगा। इस निर्णय का उद्देश्य अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता प्रदान करना और शिक्षा के मानकों को सुनिश्चित करना है। विधेयक में विभिन्न समुदायों के संस्थानों को शामिल किया गया है, जिससे पारंपरिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। जानें इस नए आदेश के सभी पहलुओं के बारे में।
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उत्तराखंड सरकार का मदरसों के लिए नया आदेश: शिक्षा बोर्ड से जुड़ना अनिवार्य

उत्तराखंड में मदरसों के लिए नई दिशा-निर्देश

Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी मदरसों को, चाहे वे पंजीकृत हों या न हों, एक अल्टीमेटम जारी किया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी मदरसों को अगले वर्ष 1 जुलाई से पहले उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होना आवश्यक है। यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित मदरसों को बंद करने की कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही, अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा प्राप्त करने के लिए संस्थानों को उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण में आवेदन करना अनिवार्य होगा। यह निर्णय उस घोषणा के बाद लिया गया है जिसमें पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने 19 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान विधेयक, 2025 पेश करने का निर्णय लिया है।


क्या-क्या करना होगा और समय-सीमा

समय-सीमा:- सभी मदरसों को अगले वर्ष 1 जुलाई से पहले उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से संबद्धता प्राप्त करनी होगी।


मान्यता प्रक्रिया:- अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा केवल राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण में आवेदन के बाद ही मिलेगा।


विधेयक का दायरा और समुदायों की भागीदारी

प्रस्तावित विधेयक में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान के दर्जे का लाभ केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित नहीं होगा, बल्कि सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदायों द्वारा संचालित संस्थान भी इसके दायरे में आएंगे।


विधेयक के लागू होने पर मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों में गुरुमुखी और पाली जैसी भाषाओं के अध्ययन की अनुमति होगी, जिससे पारंपरिक और सांस्कृतिक शिक्षा को भी संस्थागत प्रोत्साहन मिल सकेगा। विधेयक एक समर्पित प्राधिकरण के गठन का प्रावधान करता है, जिसके माध्यम से सभी अल्पसंख्यक समुदायों के शिक्षण संस्थानों को मान्यता लेना अनिवार्य होगा। अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना और उनके शैक्षिक विकास को बढ़ावा देना इसका मुख्य उद्देश्य है।


मान्यता के लिए शर्तें और रद्दीकरण के प्रावधान

प्राधिकरण केवल उन संस्थानों को मान्यता देगा जो निर्दिष्ट शर्तें पूरी करेंगे। किसी शर्त के उल्लंघन, या फीस, दान, अनुदान अथवा अन्य वित्तीय स्रोतों से प्राप्त रकम के दुरुपयोग की स्थिति में मान्यता समाप्त की जा सकती है।


शिक्षा मानकों और परीक्षा में पारदर्शिता

प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि संस्थानों में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा तय मानकों के अनुरूप शिक्षा दी जाए। साथ ही, छात्रों का मूल्यांकन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो, ताकि गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।