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उदय सिंह: जन सुराज पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की राजनीतिक यात्रा

उदय सिंह, जो बिहार के पूर्णिया जिले में जन्मे, ने भाजपा से सांसद के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। बाद में कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने कई चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंततः, उन्होंने जन सुराज पार्टी की स्थापना की और इसके पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उनके परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी उनकी यात्रा को और दिलचस्प बनाती है। जानें उनके जीवन और करियर के बारे में।
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उदय सिंह: जन सुराज पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की राजनीतिक यात्रा

उदय सिंह का जीवन परिचय

उदय सिंह का परिचय: बिहार के पूर्णिया जिले में 9 नवंबर 1952 को एक राजनीतिक और प्रशासनिक परिवार में जन्मे उदय सिंह, जिन्हें पप्पू सिंह के नाम से भी जाना जाता है, जन सुराज पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।


राजनीतिक करियर

भाजपा से कांग्रेस तक का सफर: उदय सिंह ने भाजपा के टिकट पर 2004 और 2009 में पूर्णिया से सांसद के रूप में कार्य किया। हालांकि, 2014 में उन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा और 2019 में चुनाव लड़ा, लेकिन फिर से असफल रहे।


2024 के चुनाव में टिकट न मिलने के कारण उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, लेकिन किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए। अंततः, जन सुराज पार्टी से उनका जुड़ाव हुआ, और 19 मई 2025 को उन्हें पार्टी का पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया।


परिवार की पृष्ठभूमि

प्रभावशाली परिवार से संबंध: उदय सिंह का परिवार राजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है। उनके पिता, टीपी सिंह, भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी रहे हैं। उनकी मां, माधुरी सिंह, 1980 और 1984 में कांग्रेस की सांसद रहीं। उनके बड़े भाई, एनके सिंह, एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और पूर्व जेडीयू राज्यसभा सांसद रह चुके हैं।


उदय सिंह की बहनें भी प्रशासनिक सेवा में हैं, और उनके नाना वीर नारायण चंद एक प्रमुख ज़मींदार थे।