उधमपुर के ग्रामीणों की हिम्मत: नदी पार करने के लिए उठाया ऑटो-रिक्शा

जम्मू-कश्मीर की दिल दहला देने वाली तस्वीरें
Jammu Kashmir news: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जो आपको हैरान और चिंतित कर सकता है। इस वीडियो में कुछ लोग अपनी जान को खतरे में डालकर एक ऑटो-रिक्शा को अपने कंधों पर उठाकर उफनती नदी को पार कर रहे हैं। यह दृश्य मानवता के जज्बे और मजबूरी की एक अनोखी मिसाल पेश करता है।
कंधों का पुल: ग्रामीणों की मजबूरी
यह कोई करतब नहीं है, बल्कि उधमपुर के बंत गांव के निवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। हाल ही में हुई भारी बारिश के चलते क्षेत्र का मुख्य पुल बह गया, जिससे यहां के लोगों का बाकी दुनिया से संपर्क लगभग टूट गया है। अब नदी पार करने के लिए उनके पास केवल अपने कंधों और हिम्मत का सहारा है, और इसी 'कंधों के पुल' पर वे अपनी जिंदगी और रोजी-रोटी का बोझ उठाए हुए हैं।
कंधों का पुल, मजबूरी का सफर
वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे लगभग 8-10 ग्रामीण कमर तक पानी में डूबे हुए हैं। उन्होंने बांस के डंडों की मदद से ऑटो-रिक्शा को उठाया हुआ है और धीरे-धीरे पथरीले रास्ते से नदी पार कर रहे हैं। एक छोटी सी चूक भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है, लेकिन रोजी-रोटी और आवाजाही की मजबूरी के आगे डर भी छोटा पड़ गया है। यह दृश्य दर्शाता है कि कैसे बुनियादी ढांचे की कमी के कारण लोग हर दिन अपनी जान को जोखिम में डालने को मजबूर हैं।
टूटा पुल, बिखर गई जिंदगी
टूटा पुल, बिखर गई जिंदगी
ग्रामीणों की यह कठिनाई अचानक उत्पन्न नहीं हुई। वीडियो में एक टूटा हुआ पुल भी नजर आता है, जो इस क्षेत्र की जीवन रेखा था। बारिश में इस पुल के बह जाने के बाद से बंत गांव के लोगों के लिए शहर तक पहुंचना, बच्चों को स्कूल भेजना या किसी बीमार को अस्पताल ले जाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। रोजमर्रा के सामान और वाहनों को इसी तरह जुगाड़ और हिम्मत के सहारे नदी पार कराया जा रहा है।
कब सुनेगी सरकार?
कब सुनेगी सरकार?
यह दृश्य जहां एक ओर ग्रामीणों की एकता और साहस को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी उठाता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे लंबे समय से पुल के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वीडियो में टूटे हुए पुल पर बैठे लोग शायद इसी इंतजार में हैं कि कब उनकी सुध ली जाएगी और उन्हें इस जानलेवा सफर से मुक्ति मिलेगी।