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उन्नाव बलात्कार मामले में पूर्व विधायक को जमानत मिलने पर प्रदर्शन

उन्नाव बलात्कार मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है। पीड़िता ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया, जहां पुलिस ने उन्हें खींचकर ले जाने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने इस मामले में पीड़िता के साथ पुलिस के व्यवहार की निंदा की है। जानें इस मामले में क्या हुआ और पीड़िता की न्याय की मांग।
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उन्नाव बलात्कार मामले में पूर्व विधायक को जमानत मिलने पर प्रदर्शन

जमानत पर आक्रोश

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक नाबालिग युवती के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए गए भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने के बाद देशभर में गुस्सा फैल गया है। पीड़िता ने मंगलवार शाम को अपने परिवार और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ इंडिया गेट के पास प्रदर्शन किया, जहां पुलिस ने उन्हें खींचकर ले जाने का प्रयास किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विभिन्न वर्गों के लोग अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। बुधवार को, पीड़िता ने राहुल गांधी से भी मुलाकात की।


पीड़िता की चिंताएं

बलात्कार की शिकार युवती ने 10, जनपथ पर सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान कहा, 'यह पहली बार है जब किसी बलात्कार मामले में सजा पर रोक लगाई गई है और जमानत दी गई है। देश की सभी बेटियां अब डर रही हैं कि उनके साथ भी ऐसा हो सकता है और अपराधी बच जाएंगे।' उसने कुलदीप सेंगर के लिए कहा, 'उसे हमारे घरों से पांच किलोमीटर दूर रहने का आदेश दिया गया है, जिससे हमें कैद कर दिया गया है। मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि वह हमें न्याय दिलाएगा। मैं प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलना चाहती हूं। मुझे न्याय चाहिए।'


राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने पीड़िता के साथ पुलिस के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'क्या एक गैंगरेप पीड़ित के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? क्या उसकी गलती यह है कि उसने न्याय के लिए आवाज उठाई?' उन्होंने कहा, 'सेंगर को जमानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है, खासकर जब पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा हो। बलात्कारियों को जमानत और पीड़ित के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार- यह कैसा न्याय है? हमें एक मृत अर्थव्यवस्था के साथ-साथ एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं। लोकतंत्र में असहमति की आवाज उठाना अधिकार है, और इसे दबाना अपराध है। पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए।'


पुलिस की कार्रवाई

ज्ञात हो कि कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को जमानत दी थी। अदालत ने उसकी सजा को निलंबित करते हुए उसे जमानत दी। इसके विरोध में, मंगलवार की रात को पीड़िता, उसकी मां और सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने दिल्ली में इंडिया गेट के सामने धरना दिया। आधी रात के करीब पुलिस ने वहां पहुंचकर उन्हें जबरन उठाया और वैन में ले गई। बुधवार को योगिता भयाना ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें पीड़िता ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया। पीड़िता ने कहा, 'मेरी मां को गाड़ी से फेंक दिया गया। हमें बंदी बना लिया गया। वकील के पास जाने नहीं दिया गया। कहा गया कि गृह मंत्रालय का आदेश है।'