उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: NDA ने सीपी राधाकृष्णन को बनाया उम्मीदवार, विपक्ष की रणनीति में हलचल

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: NDA द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा के बाद देश की राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। जैसे ही उम्मीदवार का नाम तय हुआ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत कर सहयोग की अपील की। इस बीच, विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक आज एक रणनीतिक बैठक आयोजित करने जा रहा है, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
चुनाव प्रक्रिया की बारीकियाँ
चुनाव प्रक्रिया का गणित
उपराष्ट्रपति का चुनाव सामान्य चुनावों से भिन्न होता है। इसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल मत का उपयोग किया जाता है। विजेता बनने के लिए उम्मीदवार को एक निश्चित कोटे तक पहुंचना आवश्यक होता है। यह कोटा कुल वैध मतों को दो से भाग देकर और एक जोड़कर निर्धारित किया जाता है। यदि कोई उम्मीदवार पहले दौर में यह कोटा पार नहीं कर पाता, तो सबसे कम वोट पाने वाला उम्मीदवार बाहर हो जाता है और उसके वोट अन्य उम्मीदवारों के बीच पुनर्वितरित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत प्राप्त नहीं कर लेता।
बहुमत की आवश्यकता
बहुमत का खेल
इस चुनाव में कुल 782 सांसद मतदान करने के योग्य हैं, जिनमें 542 लोकसभा और 240 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। बहुमत के लिए 392 सांसदों का समर्थन आवश्यक होगा।
सरकार के पक्ष में: 427 सांसद (लोकसभा के 293 और राज्यसभा के 134)
विपक्ष के पक्ष में: 355 सांसद (लोकसभा के 249 और राज्यसभा के 106)
हालांकि, लगभग 133 सांसद अभी अनिर्णीत माने जा रहे हैं। यही वोट इस चुनाव को रोमांचक बना सकते हैं। इन सांसदों को साधने के लिए दोनों पक्ष अपनी रणनीति में तेजी ला रहे हैं।
विपक्ष की रणनीति
इंडिया ब्लॉक की चुनौती
विपक्षी गठबंधन की बैठक में इस संख्या खेल पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल विपक्षी उम्मीदवार को मजबूती प्रदान करने की योजना बना सकते हैं। वहीं, सरकार भी अपने सहयोगियों और क्षेत्रीय दलों से संपर्क साधकर विपक्ष की एकजुटता को तोड़ने की कोशिश कर रही है। इसी संदर्भ में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से समर्थन का आग्रह किया है।
NDA का उम्मीदवार
NDA ने किया उम्मीदवार का ऐलान
भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। उनके नाम के साथ भाजपा ने दक्षिण भारत में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया है।
दक्षिण भारत की राजनीति
दक्षिण की राजनीति पर नजर
सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से हैं और वे दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। भाजपा का यह कदम कांग्रेस और डीएमके के प्रभाव क्षेत्र को सीधी चुनौती देने वाला माना जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा था, इसलिए यह कदम क्षेत्रीय राजनीति में अपनी पैठ बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।