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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: नए चुनाव की तैयारी शुरू

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई है। अब देश की नजर नए उपराष्ट्रपति के चुनाव पर है, जो 19 सितंबर से पहले होना है। यह चुनाव संसद के सांसदों द्वारा किया जाएगा, जिसमें एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली का उपयोग होगा। यदि विपक्षी INDIA गठबंधन एक साझा उम्मीदवार नहीं उतारता है, तो NDA गठबंधन के उम्मीदवार का जीतना लगभग तय है। चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: नए चुनाव की तैयारी शुरू

धनखड़ का इस्तीफा और राजनीतिक हलचल

21 जुलाई को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक जगत में हलचल मच गई। इसके तुरंत बाद, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कार्यवाहक सभापति के रूप में पदभार ग्रहण किया। यह संवैधानिक रूप से वही पद है जो उपराष्ट्रपति का होता है।


नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति के चुनाव पर ध्यान केंद्रित


अब देश की नजर नए उपराष्ट्रपति के चुनाव पर है। भारतीय चुनाव आयोग को 19 सितंबर से पहले इस पद के लिए चुनाव कराना अनिवार्य है। उपराष्ट्रपति का चुनाव आम जनता द्वारा नहीं, बल्कि संसद के दोनों सदनों के 782 मौजूदा सांसदों द्वारा किया जाएगा। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली के तहत होगा।


इस प्रणाली में हर सांसद उम्मीदवारों को प्राथमिकता के क्रम में रैंक करता है। जीत के लिए किसी उम्मीदवार को 392 वोटों की आवश्यकता होती है। यदि पहले दौर में कोई उम्मीदवार यह संख्या प्राप्त नहीं करता, तो सबसे कम वरीयता वाले उम्मीदवार को बाहर किया जाता है और उसके मत दूसरी पसंद के अनुसार अन्य उम्मीदवारों को स्थानांतरित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार कोटा पार नहीं कर लेता।


चुनाव की प्रक्रिया अधिसूचना से शुरू होगी, जिसमें चुनाव कार्यक्रम का ऐलान होगा। इसके बाद नामांकन, मतदान, मतगणना और अंत में विजयी उम्मीदवार की शपथ ग्रहण प्रक्रिया होगी।


चुनाव की तारीखों की जल्द घोषणा

जल्द होगी चुनाव की तारीखों की घोषणा


यदि विपक्षी INDIA गठबंधन एक साझा उम्मीदवार उतारने में असफल रहता है, तो बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA गठबंधन मजबूत स्थिति में रहेगा। ऐसे में उनके उम्मीदवार का उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है, बशर्ते कोई बड़ा समीकरण न बदले। चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द ही चुनाव आयोग द्वारा की जाएगी।