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उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर व्यक्त की चिंता

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह घटना 20 वर्षों में पहली बार हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। उमर ने सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवादियों के सीमा पार करने के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। जानें इस घटना के बारे में और क्या कहा उन्होंने।
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उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर व्यक्त की चिंता

उमर अब्दुल्ला का बयान

उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कपिल सिब्बल के साथ बातचीत में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर अपनी भावनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मैं इस हमले से व्यक्तिगत रूप से दुखी हूं, क्योंकि 26 निर्दोष लोगों की जान गई है। हालांकि, एक मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री के रूप में, मैं इसे एक प्रशासनिक दृष्टिकोण से नहीं देख सकता।"


आतंकवादी हमलों का इतिहास

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में इस तरह के हमले नहीं हुए थे, और यह दुखद है कि हमें फिर से ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।


सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

‘कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति’

हमले के समय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए, उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में ऐसा समय कभी नहीं आया जब हर जगह सुरक्षा बल तैनात किए गए हों।" उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्थिति में सुधार हुआ है।


सुरक्षा बलों की तैनाती

‘हर जगह सुरक्षा संभव नहीं’

जब कपिल सिब्बल ने पूछा कि बैसरन घाटी में सुरक्षा क्यों नहीं थी, तो उमर अब्दुल्ला ने उत्तर दिया, "अगर सुरक्षा होती, तो हमलावर कहीं और हमला कर सकते थे। हर जगह सुरक्षा बलों को तैनात करना संभव नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों को सीमा पर ही रोकना चाहिए और संसद में इस मुद्दे पर भारत सरकार से जवाब मांगेंगे कि आतंकवादी पहलगाम तक कैसे पहुंचे।