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ऋषभ पंत का जन्मदिन: संघर्ष से सफलता की कहानी

ऋषभ पंत का जन्मदिन 4 अक्टूबर को मनाया गया, जब उन्होंने 28 वर्ष पूरे किए। उनकी कहानी एक छोटे शहर से निकलकर क्रिकेट की दुनिया में सफलता पाने की है। पंत ने कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें दिल्ली के गुरुद्वारे में बिताई रातें और एक भयानक कार दुर्घटना शामिल हैं। जानें कैसे उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई।
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ऋषभ पंत का जन्मदिन: संघर्ष से सफलता की कहानी

ऋषभ पंत का जन्मदिन

ऋषभ पंत का जन्मदिन: 4 अक्टूबर 2025 को भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे ऋषभ पंत ने 28 वर्ष पूरे किए। एक छोटे शहर से निकलकर क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले इस खिलाड़ी की कहानी प्रेरणादायक है। चाहे वह दिल्ली के गुरुद्वारे में बिताई रातें हों, लंगर में भोजन करना हो या फिर एक भयानक दुर्घटना, पंत ने हर चुनौती का सामना किया।


ऋषभ पंत का प्रारंभिक जीवन

4 अक्टूबर 1997 को उत्तराखंड के रुड़की में जन्मे ऋषभ पंत का क्रिकेट के प्रति जुनून बचपन से ही था। उस समय उत्तराखंड में क्रिकेट के लिए सुविधाएं सीमित थीं। न तो वहां कोई मजबूत क्रिकेट एसोसिएशन था और न ही कोई राज्य टीम। लेकिन पंत के परिवार ने उनके सपनों को साकार करने का निर्णय लिया। केवल 12 वर्ष की आयु में, ऋषभ अपनी मां सरोज पंत के साथ दिल्ली के लिए रात की बस पकड़ने लगे ताकि वह प्रसिद्ध सोनेट क्रिकेट क्लब में कोच तारक सिन्हा से क्रिकेट सीख सकें।


गुरुद्वारे का सहारा

दिल्ली में पंत परिवार के लिए सब कुछ आसान नहीं था। उनके पास न तो रिश्तेदार थे और न ही होटल में ठहरने के लिए पैसे। ऐसे में साउथ दिल्ली के मोती बाग साहिब गुरुद्वारे ने उन्हें सहारा दिया। ऋषभ और उनकी मां ने कई रातें यहीं बिताईं, लंगर में भोजन किया और दिन में क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए एकेडमी जाते रहे। मोती बाग साहिब गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु, गोबिंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है और इसकी अपनी खास मान्यता है। यहीं से पंत ने अपने क्रिकेट करियर की नींव रखी।


क्रिकेट में सफलता

ऋषभ पंत ने 2016 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में नामीबिया के खिलाफ 111 रनों की शानदार पारी खेलकर सबका ध्यान आकर्षित किया। उसी दिन आईपीएल 2016 के ऑक्शन में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने उन्हें 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा। 18 साल की उम्र में यह उपलब्धि किसी चमत्कार से कम नहीं थी। 2017 में उन्होंने भारतीय टीम में डेब्यू किया और अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग से धोनी के बाद भारत को एक नया सितारा दिया।


दुर्घटना और वापसी

2022 में ऋषभ पंत की जिंदगी उस समय बदल गई जब उनका एक भयानक कार एक्सीडेंट हुआ। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन पंत ने हिम्मत नहीं हारी। लंबे समय तक रिहैबिलिटेशन और मेहनत के बाद उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर शानदार वापसी की। 2024 में आईपीएल और फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी बल्लेबाजी ने साबित कर दिया कि वह मुश्किलों से डरने वालों में से नहीं हैं।