एचएयू छात्र आंदोलन: बीरेंद्र सिंह का सरकार पर तीखा हमला

एचएयू छात्र आंदोलन: बीरेंद्र सिंह का सरकार पर तीखा हमला
एचएयू छात्र आंदोलन: बीरेंद्र सिंह का सरकार पर तीखा हमला: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में चल रहे छात्र आंदोलन ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने इस आंदोलन को लेकर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन पर कड़ी आलोचना की।
उचाना के राजीव गांधी महाविद्यालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में आरएसएस से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह आंदोलन छात्रों के अधिकारों और न्याय की मांग को लेकर है। बीरेंद्र सिंह की यह टिप्पणी चर्चा का विषय बनी हुई है।
नियुक्तियों में भेदभाव का आरोप:
बीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि एचएयू में नियुक्तियों में आरएसएस से जुड़े व्यक्तियों को तरजीह दी जा रही है। यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और छात्रों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को दबाने का प्रयास कर रहा है। वाइस चांसलर और सुरक्षा गार्ड पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के आरोप लगे हैं। बीरेंद्र सिंह ने सवाल उठाया कि क्या यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है? उनकी यह टिप्पणी विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है।
खाप और किसानों का समर्थन:
एचएयू छात्र आंदोलन को खाप पंचायतों, किसान संगठनों, और कुछ राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त हो रहा है। बीरेंद्र सिंह ने इसे स्वाभाविक बताया, क्योंकि यह आंदोलन न्याय और छात्रों के अधिकारों के लिए है।
उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब नियुक्तियों में भेदभाव होता है, तब सरकार को किसानों और विपक्ष की याद नहीं आती, लेकिन जब जनता छात्रों के साथ खड़ी होती है, तो सरकार को परेशानी होने लगती है। यह समर्थन आंदोलन को और मजबूत बना रहा है।
विश्वविद्यालय की विरासत पर सवाल:
बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि यह वही संस्थान है, जिसने हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अन्नदाता तैयार किए। लेकिन आज इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है।
हॉस्टल की बिजली और कैंटीन बंद कर छात्रों को परेशान किया जा रहा है। बीरेंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि यदि जनता छात्रों के साथ खड़ी हो गई, तो सरकार और वाइस चांसलर को कहीं भी जगह नहीं मिलेगी। यह बयान जनता में जागरूकता बढ़ा रहा है।