एचसीएल के संस्थापक शिव नादर ने परोपकार में फिर से मारी बाजी
शिव नादर का परोपकार में अव्वल स्थान
नई दिल्ली - समाज सेवा को प्राथमिकता देने वाले एचसीएल (HCL) के संस्थापक शिव नादर ने इस वर्ष भी परोपकार के क्षेत्र में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। हुरुन परोपकार सूची-2025 के अनुसार, 80 वर्षीय नादर ने 2025 में 2,708 करोड़ रुपये का दान देकर देश के सबसे बड़े परोपकारी का खिताब हासिल किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि वे पिछले पांच वर्षों में चार बार इस सूची में पहले स्थान पर रहे हैं।
अन्य प्रमुख दानकर्ता
इस सूची में दूसरे स्थान पर मुकेश अंबानी परिवार है, जिसने 626 करोड़ रुपये का दान किया, जबकि बजाज परिवार 446 करोड़ रुपये के योगदान के साथ तीसरे स्थान पर रहा। नादर की परोपकारिता की सबसे खास बात यह है कि वे बिना किसी प्रचार के प्रतिदिन औसतन 7 करोड़ रुपये समाजहित में दान करते हैं।
एचसीएल का सफर
गैरेज से वैश्विक कंपनी तक
1976 में पांच साथियों के साथ एक छोटे गैरेज से शुरू हुई HCL ने शुरुआत में कैल्कुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर जैसे उत्पाद बनाए। आज HCL का कारोबार 60 से अधिक देशों में फैला हुआ है और यह 2,23,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है।
रोशनी नादर का नेतृत्व
बेटी रोशनी नादर अब संभाल रही हैं जिम्मेदारी
2020 में शिव नादर ने HCL टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था, और अब उनकी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा कंपनी का नेतृत्व कर रही हैं। वह भी अपने पिता की तरह समाज सेवा को प्राथमिकता देती हैं।
दान का उपयोग
शिक्षा और संस्कृति पर होता है खर्च
रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष शिव नादर का दान पिछले वर्ष की तुलना में 26% अधिक है। उन्होंने अपने शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम से जो धनराशि दान की है, वह शिक्षा, कला और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में खर्च की गई है।
