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एनआईए ने असम में आईईडी विस्फोट की साजिश में तीन आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने असम में स्वतंत्रता दिवस 2024 के दौरान आईईडी विस्फोट की साजिश में उल्फा (आई) के तीन सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोपियों में संगठन के प्रमुख परेश बरुआ और अन्य शामिल हैं। एनआईए की जांच में पता चला है कि इनका उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस समारोह को बाधित करना था। इस मामले में और भी संदिग्धों की भूमिका की जांच जारी है।
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एनआईए ने असम में आईईडी विस्फोट की साजिश में तीन आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

आरोप पत्र दायर करने की प्रक्रिया

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 13 जून को असम में स्वतंत्रता दिवस 2024 के दौरान कई स्थानों पर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट की योजना बनाने के आरोप में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन उल्फा (आई) के तीन सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया। यह कार्यवाही गुवाहाटी की विशेष एनआईए अदालत में की गई।


आरोपियों की पहचान

आरोपियों में उल्फा (आई) के अध्यक्ष और स्वयंभू कमांडर-इन-चीफ परेश बरुआ (जिसे परेश असोम, कामरुज ज़मान खान, नूर-उज़-ज़मान, प्रदीप, पबन बरुआ के नाम से भी जाना जाता है), अभिजीत गोगोई (जिसे ऐशंग असोम, रुमेल असोम, धनजॉय मोरन के नाम से जाना जाता है) और जाह्नु बोरुआ (जिसे अर्नोब असोम, हंटू के नाम से जाना जाता है) शामिल हैं।


कानूनी धाराएं और जांच

इन पर भारतीय दंड संहिता (बीएनएस), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूए(पी) अधिनियम) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। एनआईए की जांच में यह सामने आया कि ये आरोपी गुवाहाटी के दिसपुर लास्ट गेट सहित असम के विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्रता दिवस समारोह को बाधित करने के लिए आईईडी लगाने की योजना में शामिल थे।


जांच के निष्कर्ष

सितंबर 2024 में इस मामले को अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने पाया कि इन विस्फोटकों का उद्देश्य लोगों को नुकसान पहुंचाना, संपत्ति को क्षति पहुंचाना और भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालना था। इसका मुख्य उद्देश्य देश में आतंक फैलाना था। एनआईए ने इस मामले की जांच के दौरान ठोस सबूत इकट्ठा किए, जिसके आधार पर आरोप पत्र दायर किया गया। जांच अभी भी जारी है और एनआईए अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी जांच कर रही है।


उल्फा (आई) का बयान

गौरतलब है कि असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट ने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस से संबंधित कार्यक्रमों को बाधित करने के लिए राज्यभर में 19 बम लगाए थे। बयान में यह भी कहा गया था कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह छह बजे से लेकर 12 बजे तक कई स्थानों पर बम विस्फोट करके अपनी ताकत दिखाने का इरादा किया था।