एप्पल को कानूनी चुनौती: AI विकास में देरी का मुकदमा
एप्पल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
टेक्नोलॉजी की प्रमुख कंपनी एप्पल वर्तमान में एक गंभीर कानूनी विवाद में उलझी हुई है। एक शेयरधारक द्वारा दायर किए गए मुकदमे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास में देरी और सिरी के बारे में किए गए पूर्व दावों पर सवाल उठाए गए हैं। एंड्रिया एच. इवांस नामक इस शेयरधारक ने 17 जून को कैलिफोर्निया के सैन जोस में अमेरिकी जिला न्यायालय में यह मामला दर्ज किया।मुकदमे में एप्पल पर आरोप लगाया गया है कि उसने 'भ्रामक और गुमराह करने वाले बयान' देकर निवेशकों को धोखा दिया। शिकायत में कहा गया है कि एप्पल ने अपनी AI क्षमताओं और भविष्य की संभावनाओं के बारे में लगातार गलत जानकारी दी। विशेष रूप से, यह कहा गया है कि एप्पल अपने प्रतिस्पर्धियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और ओपनएआई की तुलना में AI के विकास में काफी पीछे है, खासकर जनरेटिव AI के क्षेत्र में।
इसके अलावा, मुकदमे में सिरी के प्रारंभिक दावों पर भी सवाल उठाए गए हैं। आरोप है कि एप्पल ने सिरी की क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जबकि यह उन्नत AI तकनीकों को एकीकृत करने में असफल रही। शिकायत में एप्पल के सीईओ टिम कुक के बयानों का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें उन्होंने AI में भारी निवेश की बात कही थी।
शिकायतकर्ता का कहना है कि हाल ही में आयोजित WWDC 2024 (वर्ल्डवाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस) में एप्पल की AI से संबंधित घोषणाएं निवेशकों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरीं, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के शेयर मूल्य में गिरावट आई। यह गिरावट इस बात का संकेत है कि निवेशक एप्पल की AI रणनीति से संतुष्ट नहीं हैं।
यह मुकदमा एप्पल के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती प्रस्तुत करता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर कंपनी की तकनीकी दिशा और निवेशकों के प्रति उसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। शेयरधारक का आरोप है कि एप्पल ने उन्हें अपनी AI क्षमताओं के बारे में अंधेरे में रखा है।
