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एयर इंडिया विमान दुर्घटना: खुशबू राजपुरोहित की दुखद कहानी

गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान की दुर्घटना में खुशबू राजपुरोहित की दुखद कहानी सामने आई है। वह शादी के बाद पहली बार अपने पति से मिलने लंदन जा रही थीं। इस हादसे ने उनके परिवार और गांव में शोक की लहर फैला दी है। जांच अधिकारियों ने तकनीकी गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं पाए हैं। जानें इस घटना के बारे में और खुशबू के जीवन की कहानी।
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एयर इंडिया विमान दुर्घटना: खुशबू राजपुरोहित की दुखद कहानी

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

एयर इंडिया विमान की दुर्घटना: गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का एक विमान, जिसमें 242 यात्री सवार थे, दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। राज्य पुलिस नियंत्रण कक्ष ने इस घटना की पुष्टि की है। इस विमान में 2 पायलट और 10 केबिन क्रू भी शामिल थे। यह हादसा उस समय हुआ जब विमान लंदन के लिए उड़ान भर रहा था। इस विमान में बालोतरा जिले के अराबा दुदावता गांव की खुशबू कंवर भी मौजूद थीं।


खुशबू की लंदन यात्रा

एक रिपोर्ट के अनुसार, खुशबू शादी के बाद पहली बार अपने पति से मिलने लंदन जा रही थीं। लेकिन दुर्भाग्यवश, वह अहमदाबाद में इस विमान दुर्घटना का शिकार हो गईं। खुशबू की शादी 18 जनवरी को लूणी के विपुलसिंह राजपुरोहित से हुई थी।


खुशबू के परिवार में शोक

खुशबू के पति विपुलसिंह राजपुरोहित लंदन में डॉक्टर हैं। वीजा और अन्य आवश्यक दस्तावेज पूरे करने के बाद खुशबू पहली बार अपने पति से मिलने जा रही थीं। खुशबू बालोतरा जिले के अराबा दुदावता गांव के मदनसिंह राजपुरोहित की बेटी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, खुशबू अपने ससुराल लूणी में रह रही थीं। बुधवार को वह अहमदाबाद के लिए अपने गांव से निकली थीं ताकि गुरुवार को फ्लाइट पकड़ सकें। लेकिन एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171, अहमदाबाद के मेघाणी नगर में टेकऑफ के कुछ समय बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई।


गांव में शोक की लहर

जैसे ही अहमदाबाद विमान दुर्घटना की खबर मिली, खुशबू के गांव अराबा दुदावता और ससुराल लूणी में शोक की लहर फैल गई। खुशबू के माता-पिता और ससुराल वाले पूरी तरह सदमे में हैं। गांव के लोग उनके घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।


दुर्घटना की जांच

जांच अधिकारियों ने विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जांच की। इस दौरान उन्हें किसी तकनीकी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला। यात्रियों के सामान में विस्फोट के कोई संकेत नहीं मिले, जिससे विस्फोट की संभावना कमजोर हुई।