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एयर इंडिया विमान हादसे में पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट्स के सनसनीखेज आरोप

अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 274 लोगों की जान चली गई। इस हादसे के बाद, दो पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट्स ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक साल पहले तकनीकी खराबी की चेतावनी दी थी, जिसे नजरअंदाज किया गया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके गंभीर परिणाम।
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एयर इंडिया विमान हादसे में पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट्स के सनसनीखेज आरोप

अहमदाबाद में विमान दुर्घटना

12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक के लिए उड़ान भर रहा था, टेकऑफ के कुछ ही क्षण बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के 241 सदस्यों की जान चली गई, जबकि जमीन पर कम से कम 33 लोग भी मारे गए, जिससे कुल मृतकों की संख्या 274 हो गई।


पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट्स के आरोप

दुर्घटना के बाद, दो पूर्व वरिष्ठ फ्लाइट अटेंडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर आरोप लगाया कि उन्होंने एक साल पहले, 2024 में, एयर इंडिया को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के दरवाजे में तकनीकी समस्या के बारे में चेतावनी दी थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इन अटेंडेंट्स ने कहा कि उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया गया और उन्हें अपने बयान बदलने के लिए मजबूर किया गया। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो एयरलाइन ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।


14 मई 2024 की घटना

अटेंडेंट्स ने पत्र में 14 मई 2024 की एक घटना का उल्लेख किया, जब मुंबई से लंदन जा रही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (VT-ANQ) उड़ान AI-129 हीथ्रो हवाई अड्डे पर डॉक की गई थी। इस दौरान दरवाजा खोलने में एक गंभीर तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई। चेकलिस्ट के अनुसार, दरवाजा मैनुअल मोड में खोला गया था, लेकिन जैसे ही दरवाजा खोला गया, आपातकालीन निकासी स्लाइड अनायास तैनात हो गई। सामान्यतः, यह स्लाइड केवल ऑटोमैटिक मोड में खुलने पर सक्रिय होती है। इस घटना की लिखित शिकायत पायलट और केबिन-इन-चार्ज ने भी की थी, लेकिन अटेंडेंट्स का कहना है कि एयर इंडिया ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।


दुर्घटना का विवरण

12 जून को हुई दुर्घटना में विमान ने टेकऑफ के बाद केवल 625 फीट की ऊंचाई प्राप्त की और फिर तेजी से नीचे गिरने लगा। पायलट ने 'थ्रस्ट नॉट अचीव्ड... फॉलिंग... मेडे! मेडे! मेडे!' का संदेश भेजा, जिसके बाद विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया, जहां उस समय 60-80 छात्र लंच कर रहे थे। इस हादसे में केवल एक यात्री, ब्रिटिश मूल के भारतीय नागरिक विश्वासकुमार रमेश, जीवित बचे, जो सीट 11A पर आपातकालीन निकास द्वार के पास बैठे थे।