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एयर इंडिया विमान हादसे में बचने वाले व्यक्ति की कहानी

12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 260 लोगों की जान गई, लेकिन 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से बच गए। इस हादसे ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। विश्वास अब भी मानसिक सदमे में हैं और उनके परिवार ने उन्हें मनोचिकित्सक से मिलवाया है। इस घटना के बाद, विश्वास ने अपने भाई का अंतिम संस्कार किया और लंदन लौटने का निर्णय स्थगित कर दिया है। जानें इस त्रासदी के बाद उनके जीवन में क्या बदलाव आया है।
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एयर इंडिया विमान हादसे में बचने वाले व्यक्ति की कहानी

दुखद विमान दुर्घटना

12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भयानक हादसे में 260 लोगों की जान चली गई। इस त्रासदी में एक व्यक्ति, 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच गए। विश्वास, जो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं, उस समय अपने भाई अजय के साथ विमान में सवार थे, जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया।


एकमात्र जीवित यात्री

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विश्वास इस हादसे के एकमात्र जीवित यात्री हैं। उनके भाई अजय सहित 241 अन्य यात्री और विमान के नीचे मौजूद 19 लोग इस दुर्घटना में मारे गए। इस घटना ने विश्वास के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। शारीरिक रूप से तो वे बच गए, लेकिन मानसिक रूप से वे अब भी गहरे सदमे में हैं।


नींद की कमी

विश्वास के चचेरे भाई सनी कुमार ने बताया कि विश्वास अब भी रात में डर से जाग जाते हैं और फिर से सो नहीं पाते। उन्होंने कहा, "क्रैश साइट की भयानक तस्वीरें, भाई की मौत और खुद के बचने की यादें अब भी उनका पीछा करती हैं।" परिवार ने हाल ही में विश्वास को एक मनोचिकित्सक से मिलवाया है और उनका उपचार शुरू हो गया है।


अंतिम संस्कार में भागीदारी

हादसे के बाद, विश्वास को 17 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी दी गई। उसी दिन डीएनए मिलान के बाद उनके भाई अजय का शव उन्हें सौंपा गया। 18 जून को दीव में अजय का अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें विश्वास ने स्वयं अपने भाई का पार्थिव शरीर कंधे पर उठाकर अंतिम यात्रा में भाग लिया।


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

इस घटना का एक भावुक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें विश्वास को श्मशान ले जाते हुए देखा गया।


लंदन लौटने का निर्णय

विश्वास के परिवार का कहना है कि वे अभी मानसिक रूप से इतनी बड़ी त्रासदी से उबर नहीं पाए हैं, इसलिए लंदन लौटने का निर्णय स्थगित कर दिया गया है। परिजनों का कहना है कि हादसे के मलबे से बाहर निकलना जितना कठिन था, मानसिक रूप से बाहर निकलना उससे भी अधिक चुनौतीपूर्ण है।