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एलन मस्क और सत्या नडेला के बीच विवाद: माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया पर उठे सवाल

एलन मस्क और सत्या नडेला के बीच हालिया विवाद ने माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चार्ली कर्क पर हमले की खबर के बाद, कुछ कर्मचारियों की कथित प्रतिक्रिया ने एक बड़ा विवाद उत्पन्न किया। मस्क ने नडेला से सीधे सवाल किया, जिससे यह मुद्दा और भी गर्म हो गया। क्या बड़ी टेक कंपनियों में राजनीतिक विचारों को दबाने की संस्कृति है? जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के बड़े सवाल।
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एलन मस्क और सत्या नडेला का विवाद

टेक्नोलॉजी की दुनिया के प्रमुख व्यक्तित्व, एलन मस्क और सत्या नडेला, हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर एक गंभीर मुद्दे को लेकर आमने-सामने आए। यह विवाद अमेरिकी रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली कर्क पर हुए हमले की खबर से शुरू हुआ, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट के कुछ कर्मचारियों की कथित प्रतिक्रिया ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।


घटना की शुरुआत चार्ली कर्क पर हमले की खबर के साथ हुई। इसके बाद एक रिपोर्ट वायरल हुई, जिसमें दावा किया गया कि माइक्रोसॉफ्ट के आंतरिक टीम चैट में कुछ कर्मचारी इस घटना पर हंसने वाले इमोजी के साथ प्रतिक्रिया दे रहे थे।


जब यह जानकारी एलन मस्क तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला को टैग करते हुए X पर सवाल उठाया: "क्या यह सच है, सत्या नडेला?"


एलन मस्क ने इस मुद्दे को उठाने का कारण बताया कि वह लंबे समय से "वोक कल्चर" और बड़ी कंपनियों में राजनीतिक झुकाव के प्रति चिंतित हैं। उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ राजनीतिक हिंसा का समर्थन करना या उसका मजाक उड़ाना गलत है।


जब सत्या नडेला ने मस्क के ट्वीट का कोई सीधा उत्तर नहीं दिया, तो मस्क ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के 100 से अधिक कर्मचारियों से ईमेल मिले हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि कंपनी में रूढ़िवादी विचारों को दबाने की संस्कृति है।


उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और यह दर्शाता है कि कुछ कंपनियां राजनीतिक नफरत को बढ़ावा दे रही हैं।


यह घटना केवल दो CEOs के बीच की बहस नहीं है, बल्कि यह बड़े सवाल उठाती है कि क्या बड़ी टेक कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी अपनी राजनीतिक पसंद-नापसंद को पेशेवर माहौल से अलग रख पाते हैं। क्या इस तरह की घटनाएं समाज में बढ़ती नफरत का संकेत हैं?