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एलन मस्क का Grok AI चैटबॉट: नया विवाद और संभावित खतरे

एलन मस्क की कंपनी X ने अपने AI चैटबॉट Grok में 'Spicy Mode' फीचर जोड़ा है, जो उपयोगकर्ताओं को एडल्ट और NSFW सामग्री तक पहुंच प्रदान करता है। हालांकि यह सुविधा मनोरंजन के लिए है, विशेषज्ञ इसे एक गंभीर साइबर खतरे के रूप में देख रहे हैं। इस फीचर के माध्यम से युवाओं को फंसाने और ब्लैकमेल करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। भारत जैसे देशों में, जहां साइबर कानून मजबूत नहीं हैं, यह तकनीक और भी खतरनाक हो सकती है। जानें इस नए फीचर के बारे में और इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में।
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Grok AI चैटबॉट का नया फीचर


एलन मस्क की कंपनी X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) ने अपने AI चैटबॉट Grok में एक नया फीचर जोड़ा है, जिसे 'Spicy Mode' कहा जाता है। इस फीचर के तहत उपयोगकर्ताओं को एडल्ट और NSFW (Not Safe For Work) सामग्री तक पहुंच प्राप्त होगी। इसकी कीमत ₹700 प्रति माह रखी गई है, लेकिन यह केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है। विशेषज्ञ इसे एक गंभीर साइबर खतरे के रूप में देख रहे हैं।


Grok का यह नया फीचर बिना किसी सेंसर के आपत्तिजनक सवालों के जवाब देने की क्षमता रखता है, जिसमें यौन विषयों पर चर्चा भी शामिल है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह फीचर सेक्सटॉर्शन का एक नया माध्यम बन सकता है। अपराधी इसका दुरुपयोग कर युवाओं को फंसा सकते हैं और उनकी संवेदनशील बातचीत को रिकॉर्ड करके ब्लैकमेल कर सकते हैं।


भारत जैसे देश में, जहां युवा बड़ी संख्या में सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं और साइबर कानून अभी भी मजबूत नहीं हैं, इस प्रकार की तकनीक खतरनाक साबित हो सकती है। पहले भी Deepfake और AI-जनित सामग्री का गलत उपयोग देखा जा चुका है, और अब Grok का Spicy Mode उस खतरे को और बढ़ा सकता है।


हालांकि X का दावा है कि यह फीचर “प्रौद्योगिकी की आज़ादी” का हिस्सा है, लेकिन उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा, गोपनीयता और नैतिकता से जुड़े सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे AI फीचर्स पर नियंत्रण और निगरानी बेहद आवश्यक है, ताकि डिजिटल दुनिया में अपराधियों को खुली छूट न मिले।


सरकार और तकनीकी कंपनियों को मिलकर एक ठोस साइबर नीति बनानी होगी ताकि तकनीक समाज के लिए एक वरदान बनी रहे, न कि अभिशाप।