Newzfatafatlogo

एशिया कप: भारतीय खिलाड़ियों पर राजनीतिक दबाव का असर

यूएई में आयोजित एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट को खेल से ज्यादा राजनीतिक मुद्दों के लिए याद किया जाएगा। भारतीय खिलाड़ियों पर अपनी सरकार और क्रिकेट बोर्ड की अस्थिरता का बोझ डाल दिया गया था। इस लेख में जानें कि कैसे कप्तान सूर्य कुमार यादव को राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा और इसने टूर्नामेंट की जीत पर क्या असर डाला।
 | 
एशिया कप: भारतीय खिलाड़ियों पर राजनीतिक दबाव का असर

यूएई में एशिया कप का आयोजन

यूएई में आयोजित एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट को खेल से ज्यादा राजनीतिक मुद्दों के लिए याद किया जाएगा। यहां भारतीय खिलाड़ियों पर अपनी सरकार और क्रिकेट बोर्ड की अस्थिरता का बोझ डाल दिया गया था।


इस टूर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट टीम ने शुरुआत से अंत तक चैंपियन की तरह प्रदर्शन किया। जब टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली पांच टीमें एक साथ हों, तो मुकाबले आसान नहीं होते। लेकिन वर्तमान में भारतीय टीम जिस स्तर पर है, वहां अन्य टीमें छोटी नजर आती हैं। हालांकि, यह टूर्नामेंट खेल से ज्यादा अन्य मुद्दों के लिए चर्चा में रहा। यहां भारतीय खिलाड़ियों को अपनी सरकार और क्रिकेट बोर्ड की समस्याओं को संभालने का दबाव झेलना पड़ा।


प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ऑपरेशन सिंदूर को केवल विराम दिया गया है, तकनीकी रूप से यह अभी भी जारी है। इस बीच, सरकार ने यह नया नॉर्मल स्थापित किया है कि पानी (सिंधु जल संधि के तहत) और खून (आतंकवादियों के हाथों) एक साथ नहीं बह सकते। फिर भी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है, बीसीसीआई ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने का निर्णय लिया, जिसे केंद्र ने मंजूरी दी। जब देश के राजनीतिक दल एक-दूसरे से अधिक पाकिस्तान विरोधी दिखने की कोशिश कर रहे थे, तो विपक्ष ने इस निर्णय पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। मीडिया नैरेटिव्स के माध्यम से इसे तोड़ने की जिम्मेदारी खिलाड़ियों पर डाल दी गई।


इसका परिणाम यह हुआ कि कप्तान सूर्य कुमार यादव को टीम का नेतृत्व करने के साथ-साथ पाकिस्तानी कप्तान से हाथ न मिलाने और उनकी ओर न देखने जैसी जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ा। ग्रुप मैच में पाकिस्तान पर भारत की जीत को उन्होंने 'भारत के सशस्त्र बलों' को समर्पित किया, जिसके लिए आईसीसी ने उन पर जुर्माना भी लगाया। इस बीच, आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें यादव और पाकिस्तानी कप्तान गले मिलते नजर आए। इससे यह मामला और भी रहस्यमय हो गया। इन सभी घटनाओं का असर टूर्नामेंट जीतने की खुशी पर पड़ा है, और यह सवाल उठता है कि जब माहौल ऐसा है, तो पाकिस्तान के खिलाफ खेलने की मजबूरी क्या है?