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ऑनलाइन घोटालों से बचने के उपाय: युवाओं और गृहिणियों को सतर्क रहने की जरूरत

हाल के दिनों में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में तेजी आई है, जिसमें बेरोजगार युवा, गृहिणियां और छात्र मुख्य शिकार बन रहे हैं। स्कैमर्स WhatsApp और Telegram जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग कर लोगों को आसान पैसे कमाने का लालच देते हैं। एक दुखद उदाहरण में, गुजरात की 25 वर्षीय सोरठिया ने इस धोखाधड़ी के कारण आत्महत्या कर ली। इस लेख में, हम आपको ऐसे धोखाधड़ी के संकेत और सतर्क रहने के उपाय बताएंगे, ताकि आप सुरक्षित रह सकें।
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ऑनलाइन घोटालों से बचने के उपाय: युवाओं और गृहिणियों को सतर्क रहने की जरूरत

नए ऑनलाइन घोटालों का बढ़ता खतरा

वर्तमान में एक नया ऑनलाइन धोखाधड़ी तेजी से फैल रहा है, जिसमें बेरोजगार युवा, गृहिणियां और छात्र मुख्य रूप से शिकार बन रहे हैं। स्कैमर्स WhatsApp और Telegram जैसे मैसेजिंग प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों को आसान पैसे कमाने का लालच देकर फंसाते हैं। यह धोखाधड़ी एक साधारण संदेश से शुरू होती है, जिसमें कहा जाता है कि आपको किसी उत्पाद को 5 स्टार रेटिंग देनी है, यूट्यूब वीडियो को लाइक करना है या कोई छोटा ट्रांसलेशन कार्य करना है, और इसके बदले में पैसे मिलेंगे.


सोरठिया की दुखद कहानी

गुजरात की एक प्राइवेट बैंक में कार्यरत 25 वर्षीय सोरठिया ने भी एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल होकर शुरुआत की। प्रारंभिक कार्य करने पर उन्हें कुछ पैसे मिले, लेकिन बाद में उन्हें उच्च स्तर के कार्य के लिए अधिक पैसे निवेश करने के लिए कहा गया। धीरे-धीरे वह 28 लाख रुपये के कर्ज में डूब गईं और अंततः आत्महत्या कर लीं। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वह इस जाल से बाहर नहीं निकल पा रही थीं.


धोखाधड़ी के संकेत

इन स्कैम में नकली वेबसाइटें, झूठे इंटरव्यू और फर्जी डैशबोर्ड होते हैं, जो दिखाते हैं कि आपने कितनी कमाई की है। लेकिन यह सब धोखे का हिस्सा होता है। जैसे ही आप इसमें पैसे लगाते हैं, धोखाधड़ी और गहरी होती जाती है.


सतर्क रहने के तरीके

नौकरी के लिए कोई औपचारिक कॉन्ट्रैक्ट या ईमेल नहीं होता।


WhatsApp या Telegram पर बातचीत होती है, जबकि प्रोफेशनल प्लेटफार्मों का उपयोग नहीं किया जाता।


पैसे लगाने पर ही बड़े काम का वादा किया जाता है।


फर्जी डैशबोर्ड पर दिखाया जाता है कि आपने कितनी कमाई की है।


रेफरल स्कीम और पिरामिड नेटवर्किंग के माध्यम से अन्य लोगों को जोड़ने के लिए कहा जाता है।


कई बार व्यक्तिगत जानकारी और बैंक विवरण भी मांगे जाते हैं, जिससे पहचान चोरी का खतरा होता है.