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ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमागरम बहस: क्या है इसके पीछे की कहानी?

29 जुलाई को संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक महत्वपूर्ण बहस होने जा रही है, जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच तीखी चर्चा की उम्मीद है। इस बहस में प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन के साथ शुरुआत होगी। विपक्ष ने इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी की मांग की है, जबकि अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने विवाद को और बढ़ा दिया है। जानें इस सैन्य अभियान का महत्व और सरकार की तैयारी के बारे में।
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ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमागरम बहस: क्या है इसके पीछे की कहानी?

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

29 जुलाई को संसद के मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चर्चा होने वाली है। इस चर्चा के लिए सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे का विशेष समय निर्धारित किया है। यह बहस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन के साथ शुरू होने की उम्मीद है.


विपक्ष की मांग

विपक्षी दल लंबे समय से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तृत जानकारी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि यह बहस 29 जुलाई से पहले, 25 जुलाई से शुरू की जाए, लेकिन सरकार ने प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा का हवाला देते हुए चर्चा की तिथि को आगे बढ़ा दिया। यह चर्चा लोकसभा में 29 जुलाई को शुरू होगी और अगले दिन राज्यसभा में होगी.


ट्रंप के बयान से बढ़ा विवाद

इस बहस को और भी गरमाने वाला एक बयान अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उनकी मध्यस्थता का परिणाम था। विपक्ष ने इस पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और प्रधानमंत्री से स्पष्ट जवाब की मांग की.


सरकार की रणनीतिक तैयारी

सरकार इस बहस के लिए पूरी तरह से तैयार है और आक्रामक रुख अपनाने को तत्पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें की हैं ताकि सरकार का पक्ष सटीक और तथ्यात्मक रूप से प्रस्तुत किया जा सके.


कारगिल विजय दिवस के बाद का समय

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई) के तुरंत बाद हो रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस अभियान को देश की सैन्य शक्ति और गौरव के प्रतीक के रूप में पेश करना चाहती है, जिससे देशभक्ति की भावना को भी राजनीतिक रूप से साधने की रणनीति नजर आती है.


ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया गया था। यह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में किया गया एक सैन्य अभियान था। इसमें पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सैन्य कार्रवाई को 'विजय उत्सव' कहकर संबोधित किया था। इस ऑपरेशन को मात्र 22 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा किया गया.


सरकार का आश्वासन

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार देश से जुड़ी किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी को साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में ऐसे विषयों पर रचनात्मक संवाद की आवश्यकता बताई। रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, 'हम चाहते हैं कि संसद सुचारू रूप से चले और विपक्ष सहयोग करे ताकि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके.'