ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय वायुसेना की ताकत और पाकिस्तान की हार

ऑपरेशन सिंदूर का संक्षिप्त विवरण
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान की सेनाएं आमने-सामने थीं, जिससे देश युद्ध के कगार पर पहुंच गया था। दोनों पक्षों के बीच हमले हो रहे थे और ड्रोन के माध्यम से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी। इस संघर्ष में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा और उसे भारत से युद्धविराम की मांग करनी पड़ी। इसके बाद युद्धविराम की घोषणा की गई। भारतीय वायुसेना के प्रमुख ने बताया कि पाकिस्तान को कैसे धूल चटाई गई और वह पलटवार करने में असमर्थ रहा।
भारतीय वायुसेना की रणनीति
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमने जो लंबी दूरी की LR-SAM और S-400 प्रणाली खरीदी थी, वे इस ऑपरेशन में निर्णायक साबित हुईं। इनकी लंबी दूरी के रडार और मिसाइल सिस्टम दुश्मन के विमानों को उनके क्षेत्र में घुसकर भी धमका सकते थे। इस कारण हम कुछ ऐसा करने में सक्षम थे कि दुश्मन अपने क्षेत्र में भी सुरक्षित नहीं रह सके।
हथियारों की रेंज का महत्व
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आगे कहा कि हमारे हथियारों की रेंज दुश्मन के हथियारों से कहीं अधिक थी, जिससे वे बिना खतरे के हमारे क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाते थे। यदि कोई दुश्मन आगे बढ़ता भी था, तो उसे नुकसान उठाना पड़ता था। इस प्रकार, हमारे ये हथियार वास्तव में गेम चेंजर साबित हुए।