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ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 300 किलोमीटर तक किया हमला

भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में 300 किलोमीटर तक हमला किया, जो दुश्मन के क्षेत्र में अब तक की सबसे लंबी दूरी का हमला है। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इस मिशन की रणनीतिक सफलता और पाकिस्तान के दावों का खंडन किया। जानें इस ऑपरेशन के महत्व और इसके पीछे की रणनीति के बारे में।
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ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 300 किलोमीटर तक किया हमला

ऑपरेशन सिंदूर की रणनीतिक सफलता

भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के अंदर 300 किलोमीटर तक हमला किया, यह जानकारी एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि यह दुश्मन के क्षेत्र में अब तक की सबसे लंबी दूरी का हमला था।


एयर चीफ मार्शल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने न केवल दुश्मन के क्षेत्र में प्रवेश किया, बल्कि 300 किलोमीटर की दूरी तक सफलतापूर्वक हमला किया, जिससे पाकिस्तान अपने क्षेत्र में प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर सका।


उन्होंने इस मिशन की रणनीतिक सफलता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम दुश्मन के क्षेत्र में गहराई तक प्रवेश करने और उच्च सटीकता के साथ हमले करने में सक्षम थे। उन्होंने भारत की मजबूत वायु रक्षा संरचना को इस योजना में महत्वपूर्ण बताया, जिसने ऑपरेशन के दौरान संपत्तियों के समन्वय और सुरक्षा को सुनिश्चित किया।


पाकिस्तान के दावों का खंडन

एयर चीफ मार्शल ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के विमानों को गिराने के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि ये दावे केवल 'मनोहर कहानियां' हैं।


एक सवाल के जवाब में, एपी सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने हमारे 15 जेट गिराए हैं, लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को ऐसा लगता है, तो उन्हें अपने दावों पर विश्वास करने दिया जाए।


उन्होंने आगे कहा कि आज भी वह इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे कि क्या हुआ और कितना नुकसान हुआ, क्योंकि यह पाकिस्तान के लिए एक रहस्य बना रहना चाहिए।


ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

एयर चीफ मार्शल ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह पहलगाम की घटना के बाद किया गया था। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों को उनके कार्यों के लिए सजा मिलनी चाहिए और निर्दोष लोगों की हत्या करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।


भारतीय सशस्त्र बलों को एक स्पष्ट निर्देश दिया गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना को आतंकवादी शिविरों से जुड़े दो प्रमुख लक्ष्यों को निशाना बनाने का कार्य सौंपा गया था।