ऑस्ट्रेलिया का फिलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान, इजरायल को झटका

ऑस्ट्रेलिया का नया कदम
नई दिल्ली - ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने घोषणा की है कि उनका देश सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को औपचारिक मान्यता प्रदान करेगा। यह निर्णय उनके पिछले बयान के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि निकट भविष्य में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
फिलिस्तीनी अधिकारों की स्वीकृति
अल्बानीज ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, "हम फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को मान्यता देंगे, जो फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) की प्रतिबद्धताओं पर आधारित है। हम इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग से लागू करने का प्रयास करेंगे।" उन्होंने इसे एक वैश्विक प्रयास का हिस्सा बताया, जो मध्य पूर्व में शांति लाने में सहायक होगा।
हमास का कोई स्थान नहीं
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि हमास को किसी भी नए फिलिस्तीनी राज्य में स्थान नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, उन्होंने इजरायल पर गाजा में मानवाधिकारों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय कानून की अनदेखी करने का आरोप लगाया। गाजा की स्थिति को उन्होंने "दुनिया की सबसे भयानक स्थिति से भी बदतर" बताया।
महत्वपूर्ण वादे
अल्बानीज ने बताया कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने कुछ महत्वपूर्ण वादे किए हैं, जैसे कि हमास को सरकार से बाहर रखना, गाजा का विसैन्यीकरण और 2006 के बाद से लंबित चुनाव कराना। इसके अलावा, उन्होंने इजरायल के शांति और सुरक्षा के अधिकार को स्वीकार करने का आश्वासन दिया है।
अंतरराष्ट्रीय बातचीत
अल्बानीज का मानना है कि मध्य पूर्व में हिंसा के चक्र को तोड़ने और गाजा में संघर्ष, पीड़ा और भुखमरी को समाप्त करने का यह सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने हाल के दिनों में ब्रिटेन, फ्रांस, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। नेतन्याहू के साथ उनकी बातचीत सभ्य और लंबी रही, लेकिन उन्होंने कहा कि इजरायली पीएम के तर्क पुराने हैं।
नेतन्याहू की प्रतिक्रिया
इससे पहले, नेतन्याहू ने कुछ यूरोपीय देशों की इस पहल की आलोचना की थी, इसे "बेतुका" और "शर्मनाक" बताया। वहीं, अल्बानीज सरकार ने हाल ही में गाजा पर इजरायल के नए सैन्य हमले की योजना की भी निंदा की है। ऑस्ट्रेलिया से पहले, यूके, फ्रांस और कनाडा जैसे देशों ने भी फिलिस्तीन के पक्ष में अपनी राय रखी है।