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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के महानायक बॉब सिम्पसन का निधन

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और कोच बॉब सिम्पसन का 16 अगस्त 2025 को निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में कई उपलब्धियाँ हासिल कीं, जिसमें तिहरा शतक बनाना और भारतीय टीम के साथ सलाहकार के रूप में काम करना शामिल है। सिम्पसन का क्रिकेट में योगदान और उनकी कोचिंग ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को नई दिशा दी। उनके निधन से क्रिकेट जगत में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है।
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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के महानायक बॉब सिम्पसन का निधन

बॉब सिम्पसन का निधन

बॉब सिम्पसन: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और कोच, बॉब सिम्पसन का 16 अगस्त 2025 को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने अपने अद्वितीय क्रिकेट करियर और कोचिंग के माध्यम से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया। उनका रणजी ट्रॉफी से भी विशेष संबंध रहा।


भारतीय टीम के साथ अनुभव

सिम्पसन ने भारतीय क्रिकेट टीम के साथ भी काम किया और सलाहकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया ने पहला विश्व कप जीता, जो उनके करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।


टेस्ट करियर और तिहरा शतक

शानदार टेस्ट करियर और तिहरा शतक


बॉब सिम्पसन ने 1957 से 1978 के बीच 62 टेस्ट और 2 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 4869 टेस्ट रन बनाए और 71 विकेट लिए। उन्होंने 39 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की, जिसमें से 12 में जीत हासिल की। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 1964 में इंग्लैंड के ओवल मैदान पर आई, जब उन्होंने अपने पहले टेस्ट शतक को तिहरे शतक (311 रन) में बदल दिया।


13 घंटे से अधिक समय तक चली इस पारी ने कई रिकॉर्ड तोड़े। सिम्पसन टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने वाले पहले कप्तान बने। उनका यह रिकॉर्ड 61 वर्षों तक कायम रहा, जब जुलाई 2025 में दक्षिण अफ्रीका के वियान मुल्डर ने इसे तोड़ा।


संन्यास के बाद की वापसी

संन्यास के बाद शानदार वापसी


1968 में संन्यास लेने के बाद, सिम्पसन ने 1977 में 41 वर्ष की आयु में टेस्ट क्रिकेट में वापसी की। उस समय वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट के कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम कठिनाई में थी। उन्होंने 10 और टेस्ट खेले, जिसमें दो शतक शामिल थे। 1977 में उनका औसत 52.83 और 1978 में 32.38 रहा। उनकी यह वापसी उन्हें और भी खास बना गई।


भारत से संबंध

रणजी ट्रॉफी और भारत से खास कनेक्शन


बॉब सिम्पसन का भारत से गहरा संबंध रहा। उन्होंने 1990 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के सलाहकार के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, 2000 के दशक की शुरुआत में वह रणजी ट्रॉफी में राजस्थान क्रिकेट टीम के सलाहकार रहे।


सिम्पसन का अनुभव भारतीय क्रिकेट के लिए भी लाभकारी रहा। वह 1960 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिस्बेन में बतौर खिलाड़ी और 1986 में भारत के खिलाफ चेन्नई में बतौर कोच दो टाई टेस्ट मैचों का हिस्सा रहे।