ओडिशा में क्रिसमस के त्योहार पर हमले ने उठाए सवाल
त्योहारों का मौसम और विवाद
नई दिल्ली: त्योहारों का समय आमतौर पर खुशियों और मेलजोल का प्रतीक होता है, लेकिन ओडिशा में इस साल क्रिसमस से पहले एक घटना ने इस माहौल को खराब कर दिया। एक वायरल वीडियो में कुछ लोग सड़क किनारे सजावटी सामान बेचने वाले वेंडर्स को धमकाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे देशभर में नाराजगी फैल गई है।
सड़क पर धमकी का दृश्य
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ पुरुष वेंडर्स के पास जाते हैं। इनमें से एक व्यक्ति पीले कुर्ता-पायजामा में कार से उतरकर वेंडर्स पर चिल्लाता है। वह बार-बार पूछता है कि वे 'विदेशी त्योहार' से संबंधित सामान क्यों बेच रहे हैं। वीडियो में यह भी सुनाई देता है कि वह खुद को 'हिंदू राष्ट्र' का हवाला देकर वेंडर्स को डराने की कोशिश करता है।
रोजी-रोटी पर सीधा हमला
वीडियो में दिख रहा है कि लोग वेंडर्स पर दबाव डालते हैं कि वे अपनी दुकानें तुरंत बंद करें। एक वेंडर मदद के लिए फोन करने की कोशिश करता है, लेकिन मजबूर होकर अपना सामान समेटने लगता है। यह दृश्य स्पष्ट रूप से दिखाता है कि गरीब दुकानदारों को उनकी आजीविका से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा था।
धार्मिक पहचान का दुरुपयोग
एक व्यक्ति वीडियो में वेंडर से उसका धर्म पूछता है और फिर सवाल करता है कि 'हिंदू होकर यह कैसे बेच सकते हो'। वह यह भी कहता है कि यह 'भगवान जगन्नाथ की भूमि' है और ऐसे सामान यहां नहीं चलेंगे। इसके बाद राहगीरों से भी वेंडर्स को वहां से हटाने की अपील की जाती है। यह घटना दर्शाती है कि किस प्रकार धार्मिक पहचान को डराने के लिए इस्तेमाल किया गया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कई यूजर्स ने कहा कि वेंडर्स केवल अपनी रोजी-रोटी कमा रहे थे, न कि किसी पर अपनी आस्था थोप रहे थे। एक यूजर ने टिप्पणी की कि बड़े मॉल और शोरूम में ऐसी हिम्मत कोई नहीं दिखाता, निशाना हमेशा गरीब ही बनते हैं।
'जियो और जीने दो' का संदेश
कई लोगों ने इस घटना को भारत की विविधता और सहिष्णुता के खिलाफ बताया। यूजर्स ने कहा कि मेहनत से कमाई गई रोजी-रोटी का सम्मान होना चाहिए। एक पोस्ट में लिखा गया कि समाज तभी आगे बढ़ता है, जब हम लोगों को उनके काम के आधार पर आंकें, न कि उनके त्योहार या पहचान के आधार पर। यह घटना एक बार फिर धार्मिक सह-अस्तित्व और आजीविका की आजादी पर सवाल खड़े करती है।
