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ओडिशा में नाबालिग लड़की पर हुए क्रूर हमले से देश में आक्रोश

ओडिशा के पुरी में एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की पर हुए क्रूर हमले ने पूरे देश को हिला दिया है। बाइक सवार तीन अज्ञात हमलावरों ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। गंभीर रूप से जलने के बाद, बच्ची ने कई हफ्तों तक संघर्ष किया, लेकिन अंततः दिल्ली के एम्स में उसकी मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना के बारे में और क्या कहा गया है।
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ओडिशा में नाबालिग लड़की पर हुए क्रूर हमले से देश में आक्रोश

ओडिशा में नाबालिग पर हमला

ओडिशा में नाबालिग पर हमला: 19 जून को ओडिशा के पुरी में एक 15 वर्षीय लड़की पर हुए भयानक हमले ने पूरे देश को हिला दिया। इस दिल दहला देने वाली घटना में, बाइक पर सवार तीन अज्ञात हमलावरों ने कथित तौर पर उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। गंभीर रूप से जलने के बाद, इस बच्ची ने कई हफ्तों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष किया, लेकिन शनिवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उसने अंतिम सांस ली।


यह घटना तब हुई जब नाबालिग लड़की अपने रिश्तेदार के घर जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उसे अगवा कर भार्गबी नदी के किनारे एक सुनसान स्थान पर ले जाया गया, जहां हमलावरों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। स्थानीय लोगों ने उसकी चीखें सुनकर तुरंत मदद के लिए दौड़ लगाई और पुलिस को सूचित किया। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने बताया कि हमले का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, लेकिन जांच अभी भी जारी है और संदिग्धों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।



जिंदगी की जंग समाप्त


75% से अधिक जल चुकी इस नन्ही जान को पहले भुवनेश्वर के एम्स में भर्ती कराया गया। जब उसकी हालत बिगड़ गई, तो उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया। एम्स के बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक के बर्न आईसीयू में उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति नाजुक थी और उसे निरंतर ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता थी। एम्स दिल्ली ने अपने बयान में कहा, "विशेषज्ञों की एक टीम ने चौबीसों घंटे उसकी देखभाल की, लेकिन हम उसे बचा नहीं सके।"


मुख्यमंत्री का शोक


ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "पीड़ित बच्ची की मौत की खबर सुनकर मुझे गहरा सदमा लगा है। सरकार के सभी प्रयासों और दिल्ली एम्स की विशेषज्ञ चिकित्सा टीम की चौबीसों घंटे की कोशिशों के बावजूद, उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मैं बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और ईश्वर से उसके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।"