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ओडिशा में सरकारी इंजीनियर पर नाबालिग छात्रों के यौन उत्पीड़न का आरोप

ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक सरकारी इंजीनियर पर नौ नाबालिग छात्रों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। आरोपी ने बच्चों को स्कूल हॉस्टल में बुलाकर अशोभनीय हरकतें कीं और उन्हें धमकाया। मामले की जानकारी मिलने पर प्रधानाध्यापिका ने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या आरोपी पहले भी ऐसी हरकतों में शामिल रहा है।
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ओडिशा में सरकारी इंजीनियर पर नाबालिग छात्रों के यौन उत्पीड़न का आरोप

मयूरभंज में शर्मनाक घटना


मयूरभंज: ओडिशा से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें मयूरभंज जिले के सामाखुंटा ब्लॉक के एक सरकारी इंजीनियर पर नौ नाबालिग छात्रों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है.


आरोप और घटना का विवरण

आरोप है कि इंजीनियर ने स्कूल हॉस्टल का निरीक्षण करने के बहाने बच्चों को निर्माणाधीन शौचालय में ले जाकर उनसे अनुचित व्यवहार किया और उन्हें धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. बच्चों की हिम्मत से यह मामला उजागर हुआ और आरोपी अब न्यायिक हिरासत में है.


आरोपी की पहचान

यह घटना मयूरभंज जिले के हरिश्चंद्रपुर गांव के भंजभूमि संस्कृत विद्यालय में हुई. आरोपी की पहचान प्रशांत सेनापति के रूप में हुई है, जो सामाखुंटा ब्लॉक में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत था. रविवार को वह विद्यालय में विकास कार्यों की जांच के लिए गया था, जहां उसने हॉस्टल में रह रहे नौ बच्चों को बहाने से बाहर बुलाया और उन पर अनुचित व्यवहार किया.


पहली मुलाकात में संदिग्ध हरकतें

पुलिस के अनुसार, रविवार सुबह लगभग 9 बजे आरोपी ने नौ छात्रों को निर्माणाधीन भवन में बुलाया. उसने पहले बच्चों से विकास कार्यों से संबंधित कुछ सवाल पूछे, फिर उन्हें अकेले में ले जाकर गलत हरकत की. बच्चे डर गए और चुप रहे, लेकिन आरोपी की नीयत यहीं नहीं रुकी.


दूसरी बार पहुंचा आरोपी

उसी शाम, लगभग 7 से 8 बजे के बीच, सेनापति फिर से स्कूल हॉस्टल आया. इस बार उसने बच्चों को बहाने से निर्माणाधीन शौचालय में ले जाकर उनके साथ यौन शोषण किया और किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. बच्चों ने उस समय डर के मारे चुप्पी साध ली.


बच्चों की हिम्मत और स्कूल की तत्परता

अगले दिन, यानी सोमवार को, नौ छात्रों ने साहस जुटाकर अपनी प्रधानाध्यापिका सेबती मोहंता को पूरी घटना बताई. प्रधानाध्यापिका ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से संपर्क किया और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया.


पुलिस कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया

सदर थाना प्रभारी अधिकारी आदित्य प्रसाद जेना ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. बच्चों के बयान और मेडिकल जांच पूरी की जा चुकी है. पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी पहले भी किसी ऐसी हरकत में शामिल रहा है. अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.