Newzfatafatlogo

ओला इलेक्ट्रिक की वित्तीय चुनौतियाँ: घाटा और बाजार में गिरावट

ओला इलेक्ट्रिक, जो कभी भारत की प्रमुख राइड-हेलिंग और इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी थी, अब गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी का घाटा ₹870 करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि राजस्व में 62% की गिरावट आई है। ओला की बाजार हिस्सेदारी भी घटकर 20% रह गई है। इसके अलावा, राइड-हेलिंग सेवा और अन्य व्यवसायों में भी चुनौतियाँ सामने आई हैं। जानें ओला के भविष्य की योजनाओं और रणनीतियों के बारे में इस लेख में।
 | 
ओला इलेक्ट्रिक की वित्तीय चुनौतियाँ: घाटा और बाजार में गिरावट

ओला इलेक्ट्रिक का संकट

ओला इलेक्ट्रिक शेयर मूल्य: जब आपको जल्दी में कहीं पहुंचना होता है, तो ओला का उपयोग करना आम है। लेकिन अब यह कंपनी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। ओला, जो कभी भारत की प्रमुख राइड-हेलिंग और इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी थी, अब बड़े नुकसान में है।


वित्तीय आंकड़े

वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का घाटा ₹870 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में ₹416 करोड़ था। इसके साथ ही, कंपनी के राजस्व में 62% की कमी आई, जो ₹1,641 करोड़ से घटकर ₹649 करोड़ रह गया।


प्रतिस्पर्धा और बाजार में गिरावट

ओला इलेक्ट्रिक, जो पहले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में 50% हिस्सेदारी रखती थी, अब केवल 20% पर आ गई है। टीवीएस मोटर और बजाज ऑटो जैसी कंपनियों ने ओला को पीछे छोड़ दिया है। मार्च 2025 में ओला ने 23,435 यूनिट्स बेचीं, जो सालाना आधार पर 56.31% की गिरावट दर्शाती है। अप्रैल में यह संख्या 19,709 रही, जो 42% की कमी है।


अन्य व्यवसायों में चुनौतियाँ

ओला की राइड-हेलिंग सेवा, जिसे पहले ओला कैब्स कहा जाता था, का राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 5.5% घटकर ₹2,012 करोड़ रह गया। इसके अलावा, ओला का यूज्ड कार व्यवसाय और फूड डिलीवरी सेवा 'ओला डैश' भी अपेक्षित सफलता नहीं प्राप्त कर सके और इन्हें बंद करना पड़ा।


शेयर बाजार में अस्थिरता

ओला इलेक्ट्रिक ने अगस्त 2024 में ₹72-₹76 के प्राइस बैंड पर IPO लॉन्च किया था, जो 4.27 गुना सब्सक्राइब हुआ। हालांकि, लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत में गिरावट आई और यह 29 मई 2025 को ₹53.24 पर ट्रेड कर रहा था, जो IPO मूल्य से लगभग 30% कम है।


भविष्य की दिशा

ओला इलेक्ट्रिक ने FY26 में लाभप्रदता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन इसके लिए कंपनी को अपने संचालन में सुधार, ग्राहक सेवा में विश्वास बहाल करने और प्रतिस्पर्धियों के साथ प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की आवश्यकता होगी। वर्तमान में, ओला की स्थिति एक चेतावनी है कि कैसे तेजी से बढ़ती कंपनियाँ भी अगर रणनीतिक रूप से नहीं चलतीं, तो गिरावट का सामना कर सकती हैं।