कंगना रनौत ने सांसद के रूप में अपने अनुभव साझा किए

कंगना रनौत का सांसद कार्यकाल
Kangana Ranaut MP: बॉलीवुड से राजनीति में कदम रखने वाली कंगना रनौत ने अपने एक साल के सांसद कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना ने हाल ही में अपने अनुभवों को साझा किया, जिसमें उन्होंने संसद के कार्यों की जटिलता और अपने क्षेत्र की समस्याओं का उल्लेख किया। उनके बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है और कई प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। टाइम्स नाउ के साथ बातचीत में कंगना ने बताया कि सांसद बनने से पहले उन्हें इस भूमिका के बारे में गलतफहमी थी।
उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह नौकरी इतनी मांग वाली होगी। जब मुझे यह प्रस्ताव मिला, तो कहा गया कि आपको शायद 60-70 दिन संसद में रहना होगा, और बाकी समय आप अपने काम कर सकते हैं।" लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न थी। कंगना ने बताया कि यह जिम्मेदारी इतनी व्यापक और समय लेने वाली है कि उनके पास अपने अभिनय करियर के लिए समय नहीं बचा। सांसद बनने के बाद उनकी एकमात्र फिल्म 'इमरजेंसी' रिलीज हुई, जो जुलाई 2024 से पहले शूट की गई थी। कंगना ने यह भी बताया कि वह जल्द ही अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म में काम करने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया है।
मंडी की चुनौतियां: जनता की समस्याओं का बोझ
कंगना ने मंडी निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में वहां की चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि लोग उनके पास ऐसी समस्याएं लेकर आते हैं, जिनका समाधान उनके नियंत्रण में नहीं होता। फिर भी, वह यह कहने से नहीं चूकतीं कि वह इन समस्याओं का समाधान करेंगी। कंगना ने कहा, "लोगों की उम्मीदें और उनकी समस्याएं इतनी जटिल होती हैं कि कई बार समाधान खोजना मुश्किल हो जाता है।"
आलोचनाओं का सामना और इस्तीफे की मांग
कंगना के बयानों ने विवाद को जन्म दिया है। हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर कंगना रनौत एक सांसद के रूप में अपने दायित्वों से खुश नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।" यह बयान कंगना के उस कथन के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने सांसद की भूमिका को 'कठिन' बताया था।
मंडी में प्राकृतिक आपदा: दुखद हादसा
30 जून से 1 जुलाई की रात को मंडी जिले के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की घटनाओं के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई, पांच लोग घायल हुए, और 27 लोग अभी भी लापता हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए कार्य और तलाशी अभियान जोर-शोर से जारी है।