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कंबोडिया-थाईलैंड विवाद: प्रीह विहार मंदिर के कारण बढ़ते तनाव

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच प्रीह विहार मंदिर को लेकर बढ़ते विवाद ने हाल ही में गंभीर मोड़ लिया है। थाईलैंड ने कंबोडिया पर एयरस्ट्राइक की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। यह विवाद 1907 से चला आ रहा है, जब फ्रांस ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा दिखाया था। चीन की भूमिका और थाईलैंड में राजनीतिक संकट ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। अब यह मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाने की संभावना है।
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कंबोडिया-थाईलैंड विवाद: प्रीह विहार मंदिर के कारण बढ़ते तनाव

कंबोडिया पर थाईलैंड का एयरस्ट्राइक

प्रीह विहार मंदिर का स्थान: थाईलैंड ने हाल ही में कंबोडिया पर एयरस्ट्राइक की है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। हाल में, दोनों सेनाओं के बीच हुई गोलीबारी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। यह पहली बार नहीं है जब इन देशों के बीच संघर्ष हुआ है; इससे पहले मई में एक झड़प में कंबोडिया का एक सैनिक मारा गया था।


प्रीह विहार मंदिर का विवाद

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रीह विहार मंदिर इस विवाद का मुख्य कारण है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी का है और डांग्रेक पर्वत पर स्थित है, जो दोनों देशों की सीमा पर है। विवाद की शुरुआत 1907 में हुई, जब कंबोडिया फ्रांस का उपनिवेश था और फ्रांस ने एक नक्शा तैयार किया जिसमें मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा दिखाया गया। थाईलैंड ने इस नक्शे को मानने से इनकार कर दिया, जिससे विवाद की शुरुआत हुई।


चीन की भूमिका और थाईलैंड में राजनीतिक संकट

थाईलैंड के मीडिया के अनुसार, चीन इस विवाद में आग में घी डालने का काम कर रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है। कंबोडिया में चीन ने कई निवेश किए हैं, जिसमें रीम नौसेना बेस शामिल है। अमेरिका इस संघर्ष में थाईलैंड का समर्थन कर रहा है। इसके अलावा, थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा को हाल ही में पद से हटा दिया गया, जिसका कारण कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन को 'चाचा' कहकर संबोधित करना बताया गया है।


संभावित अंतरराष्ट्रीय कानूनी कार्रवाई

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच यह विवाद अब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में जाने की संभावना है। कंबोडिया ने इस मामले को ICJ में ले जाने की धमकी दी है, जबकि थाईलैंड चाहता है कि यह मामला आपसी बातचीत से सुलझे। कंबोडिया ने नागरिकों के लिए सैन्य भर्ती अनिवार्य कर दी है, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कंबोडिया की नजर थाईलैंड के प्राकृतिक गैस और तेल के भंडार पर है।