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कंबोडिया-थाईलैंड सीमा विवाद: भारतीय दूतावास ने नागरिकों को दी सुरक्षा सलाह

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता को बढ़ा दिया है। दोनों देशों के बीच बढ़ती सैन्य झड़पों के कारण भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को सुरक्षा सलाह दी है। इस स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र ने भी आपात बैठक बुलाई है। जानें इस विवाद के पीछे की वजहें और क्या है भारतीय नागरिकों के लिए सलाह।
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दक्षिण-पूर्व एशिया में सीमा विवाद की गंभीरता

दक्षिण-पूर्व एशिया में कंबोडिया और थाईलैंड के बीच चल रहे सीमा विवाद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता को बढ़ा दिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आक्रामक कार्रवाई के आरोप लगाए हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है। इस संकट के बीच, भारतीय दूतावास ने कंबोडिया में रहने वाले अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।


भारतीय दूतावास ने 26 जुलाई को एक औपचारिक परामर्श जारी किया, जिसमें नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे सीमा से लगे अशांत क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें और स्थिति पर नजर रखें। यह कदम क्षेत्र में बिगड़ते सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।


संयुक्त राष्ट्र ने भी इस मामले पर चिंता जताई है और "अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा" के एजेंडे के तहत एक आपात बैठक बुलाई है। यह बैठक तब हो रही है जब कंबोडिया और थाईलैंड दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं।


24 जुलाई से शुरू हुई सैन्य झड़पों ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। कंबोडिया का आरोप है कि थाई सेना ने उनके क्षेत्र में घुसकर धार्मिक स्थलों पर जानबूझकर हमला किया, जो पूर्व में हुए समझौतों का उल्लंघन है। इन स्थलों में तमोन थॉम, ता क्रबे और मोम बेई जैसे प्राचीन मंदिर शामिल हैं।


वहीं, थाईलैंड ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया ने सीमा पर बारूदी सुरंगें बिछाईं और पहले हमला कर युद्ध की शुरुआत की। इस बढ़ती शत्रुता के कारण थाईलैंड के चार सीमावर्ती प्रांतों—बुरिराम, सुरिन, सी सा केट और उबोन रत्चथानी—में भारी गोलीबारी की सूचना मिली है।