कंबोडिया ने युद्धविराम की तत्काल मांग की

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच बढ़ता तनाव
कंबोडिया ने युद्धविराम की मांग की: कंबोडिया और थाईलैंड के बीच तनाव में वृद्धि हुई है, क्योंकि दोनों देशों ने अपनी सीमा के निकट घातक हमले किए हैं। शुक्रवार को, कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र से तुरंत और बिना शर्त युद्धविराम की अपील की, जिसका अर्थ है कि वे बिना किसी शर्त के लड़ाई को तुरंत समाप्त करना चाहते हैं।
थाईलैंड ने भी कहा है कि वह शांति वार्ता के लिए तैयार है, जिसमें संभवतः मलेशिया सहायता करेगा। यह संघर्ष दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद का परिणाम है। कंबोडिया और थाईलैंड दोनों अपनी 800 किलोमीटर लंबी साझा सीमा पर कुछ क्षेत्रों के स्वामित्व का दावा करते हैं। यह विवाद अब हिंसक रूप ले चुका है, जिसमें जेट, टैंक, तोपखाने और सैनिक शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक
संयुक्त राष्ट्र ने की आपात बैठक:
संयुक्त राष्ट्र ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई। कंबोडिया के प्रतिनिधि, चिया केओ ने कहा कि वे इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। शुक्रवार सुबह, तीन स्थानों पर लड़ाई फिर से भड़क उठी। थाई सेना के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने रॉकेट और भारी हथियारों का उपयोग किया।
युद्ध का मानवीय प्रभाव
युद्ध से लोगों का जीवन प्रभावित:
कंबोडिया के ओड्डार मींचे प्रांत में हुए हमलों में एक 70 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई और पांच अन्य घायल हुए हैं। इस स्थिति ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है। थाईलैंड ने 1,38,000 से अधिक लोगों को खतरे वाले क्षेत्र से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है, जबकि 35,000 कंबोडियाई नागरिकों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार दोपहर तक स्थिति थोड़ी शांत हो गई थी। वे बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तैयार हैं, लेकिन कंबोडिया ने अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो यह संघर्ष एक पूर्ण युद्ध में बदल सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह संघर्ष सीमित है।