कनाडा का नया 'स्ट्रॉन्ग बॉर्डर्स एक्ट': शरणार्थी दावों पर सख्ती और छात्रों पर प्रभाव

कनाडा सरकार का नया कानून
कनाडा की सरकार ने संसद में एक नया कानून 'स्ट्रॉन्ग बॉर्डर्स एक्ट' पेश किया है, जिसका उद्देश्य शरणार्थी दावों को नियंत्रित करना, इमिग्रेशन प्रणाली को मजबूत करना और ड्रग्स तस्करी, विशेष रूप से फेंटानिल जैसी खतरनाक दवाओं पर रोक लगाना है। यह कानून विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अस्थायी निवासियों पर लागू होगा ताकि सिस्टम के दुरुपयोग को रोका जा सके।
शरणार्थी दावों की बढ़ती संख्या
2023 में कनाडा में कुल 1,71,850 शरणार्थी दावे दर्ज किए गए, जिनमें से 32,000 से अधिक भारतीय थे। अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा 20,245 दावे किए गए। 2024 के पहले नौ महीनों में यह संख्या 1,32,525 तक पहुंच गई, जिसमें 13,660 दावे छात्रों के थे। भारत और नाइजीरिया से आने वाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक रही।
देर से किए गए दावों पर सख्ती
नए नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति 24 जून 2020 के बाद कनाडा आया है और एक साल से अधिक समय बाद शरण का दावा करता है, तो उसका दावा खारिज कर दिया जाएगा। यह नियम सभी छात्रों और अस्थायी निवासियों पर लागू होगा, चाहे वे बीच में देश से बाहर गए हों।
अमेरिका से घुसपैठ करने वालों के लिए नई चुनौतियाँ
यदि कोई व्यक्ति अमेरिका से अनधिकृत तरीके से कनाडा में प्रवेश करता है और 14 दिन बाद शरण का दावा करता है, तो उसका दावा भी अस्वीकृत कर दिया जाएगा। इससे अवैध तरीके से प्रवेश करने वालों को सीधा झटका लगेगा।
IRCC को मिले नए अधिकार
अब इमिग्रेशन विभाग (IRCC) को छात्रों की जानकारी साझा करने और समूह स्तर पर आवेदनों को रोकने या रद्द करने का अधिकार प्राप्त होगा। इसके अलावा, शरण के दावे की सुनवाई केवल कनाडा में रहते हुए ही की जा सकेगी।
सुरक्षा पर जोर
कनाडा के पब्लिक सेफ्टी मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने कहा कि यह कानून सीमाओं की सुरक्षा, ड्रग्स तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
कोस्ट गार्ड को मिले नए अधिकार
हालांकि पोर्ट पुलिस को फिर से तैनात नहीं किया जाएगा, लेकिन कोस्ट गार्ड को निगरानी और सुरक्षा संबंधी जानकारी जुटाने के अधिक अधिकार मिलेंगे।
भारतीय छात्रों की संख्या में कमी
2025 की पहली तिमाही में भारत से आए छात्रों को दिए गए स्टडी परमिट में 31% की गिरावट आई है। इस दौरान केवल 30,000 परमिट जारी किए गए, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 44,295 परमिट दी गई थीं।