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कनाडा में 30,000 युवाओं की डिपोर्टेशन से पंजाबी समुदाय में चिंता

कनाडा में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसके तहत लगभग 30,000 पंजाबी युवाओं को डिपोर्ट किया जा सकता है। यह स्थिति भारतीय समुदाय में चिंता का विषय बन गई है। कनाडा सरकार ने अवैध प्रवास को लेकर अपनी नीतियों को सख्त किया है, जिससे कई युवा, जिनका वीजा समाप्त हो चुका है या शरण याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं, प्रभावित हो रहे हैं। जानें इस मुद्दे की गहराई और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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कनाडा में 30,000 युवाओं की डिपोर्टेशन से पंजाबी समुदाय में चिंता

कनाडा में अवैध प्रवासियों की स्थिति

कनाडा में अवैध प्रवासियों के लिए हालात तेजी से बदल रहे हैं: कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) ने अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत लगभग 30,000 व्यक्तियों को डिपोर्ट किया जा सकता है। इस कार्रवाई का सबसे अधिक प्रभाव पंजाबी समुदाय के युवाओं पर पड़ रहा है, जिनमें से कई का वीजा समाप्त हो चुका है या उनकी शरण याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। यह जानकारी कनाडा में भारतीय समुदाय, विशेषकर पंजाबियों के बीच चिंता का विषय बन गई है। आइए, इस मुद्दे को और गहराई से समझते हैं।


कनाडा में सख्ती का कारण

कनाडा सरकार ने अवैध प्रवास के खिलाफ सख्त नीतियाँ अपनाई हैं: हाल के वर्षों में, CBSA ने 30,000 से अधिक डिपोर्टेशन वारंट जारी किए हैं, जिनमें वे लोग शामिल हैं जिनका वीजा समाप्त हो चुका है, शरण याचिकाएं रद्द हो चुकी हैं, या जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में शरण मांगने वालों की संख्या में 615% की वृद्धि हुई है, जिसमें से 98-99% याचिकाएं झूठी पाई गई हैं। इस कारण सरकार अब तेजी से कार्रवाई कर रही है। पंजाबी समुदाय में यह मुद्दा इसलिए गंभीर है क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में पंजाबी युवा शामिल हैं, जो वर्क परमिट या टूरिस्ट वीजा पर कनाडा गए थे।


डिपोर्टेशन के दायरे में कौन?

CBSA ने तीन मुख्य श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित किया है: पहली श्रेणी में वे लोग हैं जिनकी शरण याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। दूसरी श्रेणी में वे शामिल हैं जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है। तीसरी श्रेणी में वे लोग हैं जिन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी या जिनका टूरिस्ट वीजा समाप्त हो चुका है। इसके अलावा, कुछ स्थायी निवासी भी अपराधों में लिप्त पाए गए हैं, जिन्हें डिपोर्ट किया जा सकता है। विशेषज्ञ परविंदर सिंह मोंटू के अनुसार, इन 30,000 लोगों में से 88% की शरण याचिकाएं रद्द हो चुकी हैं। ऐसे में इन लोगों को जल्द ही देश छोड़ना पड़ सकता है।


डिपोर्टेशन की प्रक्रिया और लागत

कनाडा सरकार ने डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है: यदि कोई व्यक्ति डिपोर्ट होता है और बाद में फिर से कनाडा का वीजा लेना चाहता है, तो उसे डिपोर्टेशन की लागत चुकानी होगी। सामान्य डिपोर्टेशन के लिए यह लागत 3,800 कनाडाई डॉलर है, जबकि विशेष सुरक्षा के साथ डिपोर्ट होने पर 12,800 कनाडाई डॉलर देने होंगे। CBSA की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 21 अक्टूबर 2024 तक 457,646 लोग डिपोर्टेशन की विभिन्न प्रक्रियाओं में हैं। इनमें से 27,675 लोग अंतिम चरण में हैं, जबकि 29,731 लोग फरार हैं और उनका ठिकाना अज्ञात है।


पंजाबी युवाओं पर प्रभाव

पंजाबी समुदाय के लिए यह कार्रवाई एक बड़ा झटका है: कई युवा कनाडा में बेहतर भविष्य की तलाश में गए थे, लेकिन अब उन्हें वापस लौटने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ पूजा, जो न्यू इमेज की एमडी हैं, का कहना है कि शरण याचिकाओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, और इनमें से ज्यादातर दावे गलत पाए गए हैं। ऐसे में पंजाबी युवाओं को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी स्थिति को नियमित करें या स्वेच्छा से देश छोड़ दें। इस कार्रवाई ने न केवल पंजाबी समुदाय, बल्कि पूरे भारतीय प्रवासी समुदाय में चिंता पैदा कर दी है।