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कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह के दौरान भारत विरोधी गतिविधियाँ

कनाडा के ओटावा में खालिस्तान जनमत संग्रह के दौरान कट्टरपंथियों ने भारत के खिलाफ कई आपत्तिजनक गतिविधियाँ कीं। इस दौरान भारतीय ध्वज का अपमान किया गया और हिंसक नारे लगाए गए। आयोजन को लेकर कनाडा सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसे कोई आधिकारिक समर्थन नहीं है। भारत ने खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई की मांग की है, जिससे भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका है।
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कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह के दौरान भारत विरोधी गतिविधियाँ

खालिस्तान जनमत संग्रह का आयोजन

समाचार : रविवार को कनाडा के ओटावा में आयोजित खालिस्तान जनमत संग्रह के दौरान कट्टरपंथियों ने भारत के खिलाफ कई आपत्तिजनक गतिविधियाँ कीं। इस दौरान आतंकियों ने भारतीय ध्वज तिरंगे का अपमान किया और प्रधानमंत्री सहित अन्य के खिलाफ हिंसक नारे लगाए। इन घटनाओं की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गईं, जिसके बाद व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा।


अनौपचारिक वोटिंग प्रक्रिया

यह आयोजन एक अनौपचारिक और गैर-कानूनी मतदान प्रक्रिया का हिस्सा था, जिसे खालिस्तान रेफरेंडम के रूप में जाना जा रहा है। इसमें प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या पंजाब को भारत से अलग कर एक स्वतंत्र खालिस्तान देश बनाया जाना चाहिए।


भारी भीड़ और आयोजन का विवरण

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए। सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें देखी गईं, जिसमें छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएँ भी शामिल थीं। अधिकांश लोग हाथों में पीले खालिस्तानी झंडे लिए हुए लगभग दो किलोमीटर लंबी लाइन में खड़े रहे।


आयोजकों का दावा और कनाडा सरकार की स्थिति

इस कार्यक्रम का आयोजन प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने किया था। आयोजकों का कहना है कि ओंटेरियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक प्रांतों से 53,000 से अधिक लोग वोट डालने आए। हालांकि, कनाडा सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकार की वोटिंग को उनका कोई आधिकारिक समर्थन नहीं है और इसका कोई कानूनी महत्व नहीं है।


भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव

भारत ने कनाडा से खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि हाल के समय में इन गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। इस नवीनतम घटना के बाद, भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।