कनाडा में भारतीय मूल के व्यक्ति की मौत पर भारत का कड़ा संदेश
कनाडा में चिकित्सकीय लापरवाही का मामला
नई दिल्ली: कनाडा के एडमंटन में एक भारतीय मूल के नागरिक की कथित चिकित्सकीय लापरवाही से हुई मौत पर भारत के विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि मृतक भारतीय मूल का था, लेकिन वह कनाडा का नागरिक था, इसलिए इस मामले की जिम्मेदारी कनाडा सरकार को लेनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 44 वर्षीय प्रशांत श्रीकुमार को 22 दिसंबर को काम के दौरान सीने में तेज दर्द महसूस हुआ। उन्हें तुरंत एडमंटन के ग्रे नन्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोप है कि गंभीर दर्द के बावजूद उन्हें आठ घंटे से अधिक समय तक इंतजार कराया गया, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। प्रशांत एक अकाउंटेंट थे और उनके तीन बच्चे हैं।
परिवार का दर्द
परिजनों के अनुसार, अस्पताल में उनका ईसीजी किया गया, लेकिन रिपोर्ट सामान्य आने पर उन्हें इंतजार करने को कहा गया। परिवार का कहना है कि उन्हें दर्द के लिए टाएलेनॉल दिया गया और नर्सें समय-समय पर उनका ब्लड प्रेशर चेक करती रहीं। प्रशांत के पिता कुमार श्रीकुमार ने बताया कि जब उन्हें अंततः उपचार के लिए बुलाया गया, तो कुछ ही क्षणों में वे कुर्सी से उठकर गिर पड़े। रिपोर्टों के अनुसार, डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उनकी मृत्यु हृदयाघात से हुई। प्रशांत के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे शामिल हैं, जिनकी उम्र 3, 10 और 14 वर्ष है।
एक अन्य भारतीय छात्र की हत्या पर शोक
इस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय ने कनाडा में एक भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या की घटना पर भी दुख व्यक्त किया। MEA के अनुसार, भारतीय दूतावास पीड़ित परिवार के संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, छात्र की पहचान शिवांक अवस्थी के रूप में हुई है, जो टोरंटो विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्र थे। उनका शव यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के स्कारबरो कैंपस के पास मिला और पुलिस इसे हत्या मानकर जांच कर रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये दोनों घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर सूचनाएं जुटाई जा रही हैं। इन मामलों के बाद कनाडा में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठने लगे हैं।
