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कनिमोझी का स्पेन में भारतीय संस्कृति पर जोर: एकता और विविधता की पहचान

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने स्पेन के मैड्रिड में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत की बहुभाषी संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय भाषा एकता और विविधता है, जो प्रवासी भारतीयों के बीच सराही गई। यह प्रतिनिधिमंडल भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और समावेशी दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए प्रयासरत है। कनिमोझी का यह बयान भारतीय संविधान के मूल्यों के अनुरूप है, जिसमें एक भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता नहीं दी गई है।
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कनिमोझी का स्पेन में भारतीय संस्कृति पर जोर: एकता और विविधता की पहचान

भारत की बहुभाषी संस्कृति का महत्व

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने स्पेन के मैड्रिड में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत की राष्ट्रीय पहचान और बहुभाषी संस्कृति पर जोर दिया। वह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही थीं, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहुंच को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा है। अपने भाषण में, उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता को राष्ट्रीय एकता की असली ताकत बताया।


एकता और विविधता: भारत की राष्ट्रीय भाषा

‘भारत की राष्ट्रीय भाषा - एकता और विविधता’


जब एक श्रोता ने उनसे पूछा कि भारत की "राष्ट्रीय भाषा" क्या है, तो कनिमोझी ने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, “भारत की राष्ट्रीय भाषा एकता और विविधता है।” उनके इस बयान पर वहां उपस्थित प्रवासी भारतीयों ने जोरदार तालियों के साथ समर्थन किया। उन्होंने आगे कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल यही संदेश दुनिया को देने आया है, और यही आज के समय में सबसे जरूरी बात है।


संविधान के मूल्यों का समर्थन

संवैधानिक मूल्यों का समर्थन


कनिमोझी का यह बयान भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप है, जिसमें किसी एक भाषा को 'राष्ट्रीय भाषा' के रूप में घोषित नहीं किया गया है। संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत भारत में 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता दी गई है। उनके वक्तव्य ने यह स्पष्ट किया कि भारत की ताकत उसकी बहुलता में निहित है, न कि एकरूपता में।


भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत करना

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि निर्माण का प्रयास


इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य विदेशों में भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति और समावेशी दृष्टिकोण को प्रमुखता देना है। कनिमोझी ने अपने भाषण में कहा, “हमारे देश में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन दुर्भाग्य से हमारा ध्यान युद्ध और आतंकवाद जैसी अनावश्यक चीजों की ओर मोड़ा जा रहा है।”


कूटनीतिक दौरे का समापन

कूटनीतिक दौरे का अंतिम चरण


इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के पांच देशों के दौरे का स्पेन अंतिम पड़ाव था। इस प्रतिनिधिमंडल में सभी प्रमुख दलों के सांसद शामिल थे, जिनमें समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार राय, भाजपा के बृजेश चौटा, आम आदमी पार्टी के अशोक मित्तल, राष्ट्रीय जनता दल के प्रेम चंद गुप्ता और भारत के पूर्व राजनयिक मंजीव सिंह पुरी शामिल थे।


विश्व मंच पर विविधता का संदेश

विश्व मंच पर विविधता का संदेश


इस दौरे का मुख्य उद्देश्य था – भारत की सशक्त बहुलतावादी छवि को विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत करना, जो न केवल भाषा और संस्कृति में विविध है, बल्कि एक लोकतांत्रिक और समावेशी राष्ट्र के रूप में भी अग्रणी है। कनिमोझी के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल भारत की इस विशेषता को दुनिया के सामने रखने में सफल रहा।