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कनिष्क बम विस्फोट की 40वीं बरसी: श्रद्धांजलि और आतंकवाद पर चर्चा

23 जून 1985 को एअर इंडिया की फ्लाइट 182 के साथ हुई त्रासदी की 40वीं बरसी पर आयरलैंड में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस घटना में 329 लोग मारे गए थे, जिनमें कई बच्चे शामिल थे। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे भारत को बांटने की कोशिश बताया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील की। कनाडा के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने की बात भी की गई। इस अवसर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पीड़ितों को याद किया। जानें इस घटना के बारे में और क्या कहा गया।
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कनिष्क बम विस्फोट की 40वीं बरसी: श्रद्धांजलि और आतंकवाद पर चर्चा

कनिष्क बम विस्फोट की त्रासदी

23 जून 1985 को एअर इंडिया की फ्लाइट नंबर 182, जो मॉन्ट्रियल से लंदन जा रही थी, के साथ एक भयानक घटना घटी। इस उड़ान में आयरलैंड के निकट एक विस्फोट हुआ, जिसमें 329 लोगों की जान गई, जिनमें 80 से अधिक बच्चे शामिल थे। यह घटना कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जाता है। इस दिन, आयरलैंड के कॉर्क में इस बम विस्फोट की 40वीं वर्षगांठ मनाई गई, जिसमें मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस श्रद्धांजलि सभा में आयरलैंड के प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन, कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी, और अन्य स्थानीय अधिकारी शामिल हुए। पीड़ितों के परिवारों और बचाव कार्य में शामिल लोगों ने भी इस अवसर पर प्रार्थना की और अपने प्रियजनों को याद किया।


भारत को बांटने की कोशिश

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 'यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह भारत को विभाजित करने की एक जानबूझकर की गई कोशिश थी।' उन्होंने बताया कि भारत लंबे समय से आतंकवाद का सामना कर रहा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, और मुंबई में कई बम विस्फोट और हत्याएं शामिल हैं। पुरी ने कहा कि आतंकवाद एक पुरानी समस्या नहीं है, बल्कि आज भी यह एक गंभीर खतरा है। उन्होंने बताया कि 2024 में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


कनाडा के साथ संबंध

पुरी ने कनाडा को भारत का एक महत्वपूर्ण मित्र बताया और कहा कि 'हमारे बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध हैं। हम दोनों लोकतंत्र में विश्वास करते हैं।' उन्होंने कनाडा से आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की अपील की और कहा कि दोनों देशों को खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए और आतंकवाद के लिए वित्तीय सहायता को रोकना चाहिए।


आयरलैंड के लोगों का आभार

पुरी ने 1985 में आयरिश लोगों और सरकार का धन्यवाद किया, जिन्होंने पीड़ितों के परिवारों को सहारा दिया। उन्होंने कहा कि 'यह मानवता का एक बड़ा कार्य था।' उन्होंने बताया कि भारत और आयरलैंड के बीच की मित्रता आज भी मजबूत है, और 2023 में दोनों देशों के बीच व्यापार 16 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।


घटना की भयावहता का वर्णन

घटनास्थल से लगभग 100 मील दूर एक कार्गो शिप पर काम कर रहे मार्क ने बताया कि 'उनका शिप कनाडा से आयरलैंड की ओर जा रहा था, तभी उन्हें एक संदेश मिला कि एक विमान से संपर्क टूट गया है और हमें उसकी तलाश करनी है।' उन्होंने कहा कि 'हमने समुद्र में पहली चीज देखी, जो एक खाली एस्केप स्लाइड थी।' मार्क ने उस दिन की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि 'हम तैयार नहीं थे, लेकिन हमने बहादुरी से मदद की कोशिश की।' उन्होंने कहा कि 'उस दिन जो हुआ, वह वहां मौजूद लोगों के लिए बहुत कठिन था।'


विदेश मंत्री की श्रद्धांजलि

कनिष्क हादसे की 40वीं वर्षगांठ पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'हम एअर इंडिया 182 'कनिष्क' बम विस्फोट की 40वीं बरसी पर उन 329 मासूमों को याद कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी जान गंवाई।' उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा आतंकवादी हमला था, जो हमें यह सिखाता है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।


घटनास्थल पर एक प्रत्यक्षदर्शी का बयान