कन्नड़ अभिनेता संतोष बलराज का निधन, सिनेमा जगत में शोक की लहर

संतोष बलराज का निधन
नई दिल्ली। कन्नड़ फिल्म उद्योग को एक बड़ा झटका लगा है। अभिनेता संतोष बलराज के निधन की खबर आई है। वे मशहूर निर्माता अनेकल बलराज के बेटे थे और मात्र 34 वर्ष की आयु में एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मृत्यु पीलिया के कारण हुई है।
संतोष बलराज को कुछ समय पहले जॉन्डिस के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरुआत में उनकी स्थिति स्थिर थी, लेकिन कुछ दिनों बाद उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ गई। इस गंभीर बीमारी ने उनकी जान ले ली और युवा अभिनेता हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़ गए। संतोष ने अपने करियर में मुख्य रूप से कन्नड़ फिल्मों में काम किया और दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया। उनके निधन से न केवल उनके प्रशंसक, बल्कि कन्नड़ सिनेमा जगत में भी गहरा शोक छा गया है।
संतोष बलराज का फिल्मी करियर
संतोष ने 2009 में फिल्म ‘केम्पा’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उन्होंने अविनाश, रुचिता प्रसाद और प्रदीप सिंह रावत जैसे कलाकारों के साथ काम किया। उनकी दूसरी फिल्म ‘करिया 2’ थी, जिसे उनके पिता अनेकल बलराज ने संतोष एंटरप्राइजेज के बैनर तले बनाया था। इस फिल्म को दर्शकों ने काफी सराहा। ‘करिया 2’ में अजय घोष, मयूरी क्यातारी, साधु कोकिला और नागेश कार्तिक भी मुख्य भूमिकाओं में थे।
संतोष की कुछ प्रमुख फिल्मों में 2015 में आई ‘गणपा’ और हाल ही में 2024 में रिलीज हुई ‘सत्यम’ शामिल हैं। इसके अलावा, वे सुमंत क्रांति की फिल्म ‘बर्कली’ में भी नजर आए, जिसमें चरण राज, सिमरन नाटेकर और राजा बलवाड़ी जैसे कलाकार भी थे।
पिता का निधन और संतोष का व्यक्तिगत जीवन
संतोष के पिता, प्रसिद्ध निर्माता अनेकल बलराज, पिछले साल एक सड़क दुर्घटना में बेंगलुरु में निधन हो गए थे। उन्हें ‘करिया’, ‘करिया 2’ और ‘जैकपॉट’ जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है। संतोष अपनी मां के साथ रहते थे और उन्होंने कभी शादी नहीं की। उनके परिवार और फिल्म उद्योग के लोग उनकी असमय मृत्यु से अत्यंत दुखी हैं।
कन्नड़ सिनेमा को हुआ नुकसान
संतोष बलराज की मृत्यु ने कन्नड़ सिनेमा को एक युवा प्रतिभा से वंचित कर दिया है। उनकी प्रतिभा और अभिनय कौशल के कारण उन्हें जल्दी ही बड़ी पहचान मिली थी। प्रशंसक और फिल्म उद्योग के लोग सोशल मीडिया पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उन्हें याद कर रहे हैं।