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कमचटका में भूकंप: अमेरिका में सुनामी अलर्ट का कारण

हाल ही में रूस के कमचटका प्रायद्वीप में आए भूकंप ने प्रशांत महासागर क्षेत्र में हलचल मचा दी। इस भूकंप के कारण अमेरिका के तटीय इलाकों में सुनामी अलर्ट जारी किया गया। जानें कि कैसे समुद्र के नीचे भूकंप आने से विशाल लहरें उत्पन्न होती हैं और इसके पीछे का वैज्ञानिक तंत्र क्या है। यह घटना दर्शाती है कि एक देश में प्राकृतिक आपदा का प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ सकता है।
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कमचटका में भूकंप: अमेरिका में सुनामी अलर्ट का कारण

कमचटका प्रायद्वीप में भूकंप का प्रभाव

हाल ही में रूस के कमचटका प्रायद्वीप में आए एक शक्तिशाली भूकंप ने प्रशांत महासागर क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी। इस भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसके प्रभाव केवल रूस तक सीमित नहीं रहे, बल्कि अमेरिका के तटीय क्षेत्रों में भी सुनामी अलर्ट जारी किया गया।

यह जानना महत्वपूर्ण है कि जब भूकंप समुद्र के नीचे होता है, तो वह समुद्र तल को हिला सकता है, जिससे विशाल समुद्री लहरें (सुनामी) उत्पन्न होती हैं। ये लहरें हजारों किलोमीटर तक फैल सकती हैं, विशेषकर जब भूकंप की तीव्रता अधिक हो और इसका केंद्र समुद्र में हो।

प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित देशों को “Pacific Ring of Fire” कहा जाता है, जहां भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियां सामान्य हैं। इसी कारण इन क्षेत्रों में Tsunami Warning Systems स्थापित किए गए हैं, जो बड़े भूकंपों के बाद संभावित लहरों की दिशा और प्रभाव का अनुमान लगाते हैं।

अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस और NOAA (नेशनल ओशियनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) जैसे संस्थान इन संकेतों के आधार पर अलर्ट जारी करते हैं, ताकि लोग तटों से समय पर हट सकें और जान-माल की हानि से बचा जा सके। हालांकि, जब बाद में यह पता चला कि सुनामी का खतरा कम है, तो अलर्ट हटा लिया गया। यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे एक देश में आई प्राकृतिक आपदा दूसरे देशों को भी सतर्क रहने के लिए प्रेरित कर सकती है।