करनाल में प्रदूषण का स्तर बढ़ा, एक्यूआई 302 तक पहुंचा
करनाल में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
करनाल (Karnal weather): शहर की वायु गुणवत्ता पानीपत से लेकर चंडीगढ़ तक अत्यधिक खराब होती जा रही है। हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा चिंताजनक स्तर तक पहुंच गई है। वीरवार को शहर का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया, जो इस वर्ष का सबसे अधिक प्रदूषित दिन है।
यह प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में आता है। पानीपत का एक्यूआई 276, कैथल का 187, कुरुक्षेत्र का 171, यमुनानगर का 258, चंडीगढ़ का 140, अंबाला का 287, सोनीपत का 310 और दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 391 दर्ज किया गया।
दिल्ली के प्रदूषण स्तर के करीब
इसका मतलब है कि करनाल का प्रदूषण स्तर सोनीपत के बराबर हो रहा है और दिल्ली के स्तर के करीब पहुंच रहा है। यदि हालात ऐसे ही बने रहे, तो शहर का प्रदूषण स्तर जल्द ही दिल्ली को भी पीछे छोड़ सकता है।
इसकी मुख्य वजह मौसम में बदलाव, निर्माण कार्य और कूड़े में आग लगाना माना जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने इस पर ध्यान दिया है और शहर में निरीक्षण शुरू कर दिया है।
निर्माण कार्य पर कार्रवाई
टीम ने वीरवार को औद्योगिक क्षेत्र 37 में एक निर्माण कार्य को रोक दिया। इस प्रोजेक्ट के मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य की जानकारी पोर्टल पर नहीं दी गई थी।
पानी के छिड़काव के लिए उचित प्रबंध नहीं थे और निर्माण सामग्री खुली पाई गई। पीएम 2.5 और पीएम 10 के लॉ कोस्ट सेंसर भी अनुपस्थित थे।
कंपनी से अन्य नियमों के उल्लंघन के लिए 15 दिन में जवाब मांगा गया है। नियमों के उल्लंघन के आधार पर जुर्माना लगाया जाएगा और ग्रेप-3 के नियमों के तहत कोर्ट में मामला भी दायर किया जाएगा।
नगर निगम के प्रयास
हालांकि, नगर निगम ने शहर के प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए पानी के छिड़काव का दावा किया है, लेकिन निगम की दो ट्रैक्टर टैंकर सभी सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
प्रदूषण का बढ़ता स्तर
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वीरवार को शाम चार बजे पिछले 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया, जो रेड श्रेणी में आता है। यह साल में दूसरी बार हुआ है।
इससे पहले दो नवंबर को शहर का एक्यूआई 348 दर्ज किया गया था। बाकी 18 दिन का अधिकतम एक्यूआई 280 और न्यूनतम 164 रहा। अक्तूबर में शहर का एक्यूआई 64 से 269 के बीच रहा, लेकिन 300 का आंकड़ा नहीं छू सका।
अब इमारत के खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा और कोर्ट में मामला दायर किया जाएगा। एचसीपीसीबी की टीम पहले भी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर चुकी है।
एचएसपीसीबी के एसडीओ रणदीप सिंधू ने बताया कि इस सेक्टर में निर्माण कार्य ग्रेप के तीसरे चरण के नियमों के खिलाफ है। टीम ने निर्माण कार्य को रोक दिया और नोटिस जारी किया।
