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कर्नल सोफिया कुरैशी: मोदी सरकार की वर्षगांठ पर अल्पसंख्यक महिलाओं का चेहरा

कर्नल सोफिया कुरैशी, जो ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व कर चुकी हैं, अब मोदी सरकार की 11वीं वर्षगांठ के समारोह में एक महत्वपूर्ण चेहरा बनकर उभरेंगी। भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा उन्हें ‘पोस्टर गर्ल’ के रूप में प्रस्तुत करेगी, जो अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की कहानियों को उजागर करेगी। इस पहल का मुख्य ध्यान उन अल्पसंख्यक महिलाओं पर होगा, जिनकी आवाजें अक्सर खो जाती हैं। जानें इस विशेष कार्यक्रम के बारे में, जिसमें चौपालों का आयोजन किया जाएगा।
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कर्नल सोफिया कुरैशी का प्रेरणादायक योगदान

कर्नल सोफिया कुरैशी, जो ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व कर चुकी हैं, अब मोदी सरकार की 11वीं वर्षगांठ के समारोह में एक महत्वपूर्ण चेहरा बनकर उभरेंगी। भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा उन्हें ‘पोस्टर गर्ल’ के रूप में प्रस्तुत करेगी, जो अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की कहानियों को उजागर करेगी। इस पहल का मुख्य ध्यान उन अल्पसंख्यक महिलाओं पर होगा, जिनकी आवाजें अक्सर सामाजिक और सांस्कृतिक सीमाओं में खो जाती हैं।


भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा, जमाल सिद्दीकी के नेतृत्व में, एक विशेष कार्यक्रम की योजना बना रही है जिसमें देश की विविध धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के स्थानों पर चौपालें आयोजित की जाएंगी। इन चौपालों का उद्देश्य संवाद को पुनर्जीवित करना है, जो राजनीतिक हलचल में अक्सर खो जाता है। सिद्दीकी ने बताया कि पहली चौपाल 9 जून को राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग में आयोजित की जाएगी। यह वही स्थान है, जिसने दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध का प्रतीक बनकर उभरा था।


इस आयोजन का उद्देश्य यह दिखाना है कि सरकार अब संवेदनशीलता और समावेशन के साथ अल्पसंख्यक महिलाओं तक पहुँचने का प्रयास कर रही है।